मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस रेलवे स्टेशन के पास गुरुवार शाम हुए हादसे में जहां 6 लोगों की मौत हो गई वहीं 34 से ज्यादा लोग घायल हो गए। सीएसटी के पास हुए इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। बड़ी बात यह है कि केवल 6 महीने पहले हुए स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपोर्ट में इस पुल को प्रयोग के लिए फिट घोषित किया गया था।
इस त्रासदी ने सर्वेक्षण की गुणवत्ता पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। दो वर्ष पहले नगर पालिका द्वारा नियुक्त ठेकेदारों ने मुंबई के सभी 314 पुलों, सबवे और स्काईवॉक का ऑडिट किया था। हादसे के बाद बीएमसी कमिश्नर ने इस पुल के स्ट्रक्चरल ऑडिट से जुड़े सभी दस्तावेजों को जब्त करने का आदेश दिया है। दस्तावेजों को देखने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बीएमसी अधिकारियों के अनुसार यह फुट ओवर ब्रिज 35 साल पहले बना था। इस पुल का अंतिम बार मरम्मत साल 2010-11 में किया गया था। साल 2016 में स्वच्छ भारत अभियान के तहत पुल के उत्तरी छोर का सौंदर्यीकरण तो किया गया लेकिन मरम्मत नहीं की गई। इस योजना में पुल की टाइल्स को बदलना और पेंट करना शामिल था।
साल 2016 में मुंबई के बाहरी इलाके में एक बड़े पुल के ढहने के बाद बीएमसी द्वारा यह सर्वेक्षण शुरू किया गया था। सरकार ने बीएमसी को सभी पुलों के सर्वेक्षण का आदेश दिया था। सरकार ने अपने दिए आदेश में यह भी कहा था कि इस काम को 3 महीनें के भीतर खत्म किया जाए, लेकिन यह कार्य समय से खत्म नहीं हो सका।
सितंबर 2018 में सौंपी गई थी ऑडिट रिपोर्ट
मुंबई में पुलों की सुरक्षा ऑडिट का काम सितंबर 2018 में खत्म हुआ। जिसके बाद संबंधित एजेंसियों ने निगम कमिश्नर को रिपोर्ट सौंपी।
इस साल जनवरी में बीएमसी ने 65 करोड़ रुपये खर्च करके 50 से अधिक पुलों, फ्लाईओवर, एफओबी और स्काईवॉक की मरम्मत की मंजूरी दी थी। अधिकारियों ने कहा कि स्ट्रक्चरल ऑडिट में सीएसटी के पास हादसे का शिकार हुई पुल को ‘फिट’ बताते हुए केवल ‘मामूली मरम्मत’ की सिफारिश की गई थी।
इस ऑडिट में 314 पुलों में से 14 को तोड़कर फिर से बनाने की सिफारिश भी की गई थी। इसमें 5 एफओबी भी शामिल थे। ऑडिट में यह भी कहा गया था कि 47 अन्य पुलों को बड़ी मरम्मत जबकि 176 पुलों को मामूली मरम्मत की जरुरत है। बाकी बचे 77 पुलों को फिट घोषित किया गया था।
अधिकारियों ने कहा कि दक्षिण मुंबई में केवल तीन एफओबी येलो गेट एफओबी और मरीन लाइन्स रेलवे स्टेशन के पास दो एफओबी का पुनर्निर्माण किया जाना था। जबकि पुनर्निर्माण, प्रमुख और मामूली मरम्मत कार्यों की अनुमानित लागत 277 करोड़ रुपये है, बीएमसी ने 2019-20 में इसके लिए 108 करोड़ रुपये रखे हैं। एक अधिकारी ने कहा, “हाल ही में मामूली मरम्मत के लिए वर्क ऑर्डर जारी किए गए थे।