मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि 26 नवंबर को है। धार्मिक दृष्टि से यह तिथि बेहद महत्वपूर्ण है। इस तिथि को अगहन और पितृ अमावस्या भी कहते हैं। इसलिए इस दिन पितरों को याद किया जाता है।
इसके अलावा मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन गंगा स्नान भी किया जाता है। मान्यता के अनुसार, इस दिन तीर्थस्नान, जप, तप और व्रत के पुण्य से कर्ज और पापों से मुक्ति मिलती है। यह अमावस्या संयम, साधना और तप के लिए श्रेष्ठ मानी जाती है।
मार्गशीर्ष अमावस्या को पितरों की पूजा करने का विशेष दिन माना गया है। मान्यता के अनुसार इस दिन पूजन और व्रत करने से हमारे पूर्वज प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष दूर होता है।
मार्गशीर्ष अमावस्या का व्रत करने से कुंडली के दोष दूर होते हैं। इस अमावस्या को गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। अगर किसी की कुण्डली में पितृ दोष हो, संतान हीन योग बन रहा हो तो ऐसे लोगों को को मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन उपवास जरूर रखना चाहिए।
अगहन माह में ही भगवान कृष्ण ने गीता का दिव्य ज्ञान दिया था, जिसके कारण से इस माह की अमावस्या तिथि को अत्यधिक लाभकारी और पुण्य फलदायी मानी जाती है।