लखनऊ. बसपा सुप्रीमो मायावती ने पीएम मोदी को एडवाइज़ देते हुए कहा कि “एंटी ब्लैक मनी डे” मनाने के बजाय ‘नोटबंदी माफी दिवस’ मनाओ। क्योंकि नोटबंदी आपके अड़ियल और निरंकुश रवैये के कारण पूरे देश में आर्थिक तंगी का माहौल बना हुआ है। 8 नवम्बर, 2016 को लिया गया ये फैसला भारत के इतिहास में काला अध्याय साबित हुआ है।
जल्दबाजी में किया गया फैसला
-मायावती ने लखनऊ में जारी एक बयान में नोटबंदी के एक साल पूरा होने पर कमेंट करते हुए कहा- “नोटबंदी का फैसला जल्दबाजी में लिया गया एक गलत निर्णय है। जिससे गरीब जनता को उस दिन से लेकर आज तक आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है।”
-मेरी भाजपा और पीएम मोदी को सलाह है कि “एंटी ब्लैक मनी डे” मनाने के स्थान पर, केवल इसको “नोटबन्दी माफी दिवस” के रुप में ही मनाना चाहिये, तो यह ज्यादा बेहतर होगा।
-मोदी सरकार की मनमानी, अड़ियल व निरंकुश रवैये के कारण ही देश एक प्रकार से आपातकाल के संकटकालीन दौर से गुजर रहा, जिससे मुक्ति प्राप्त करने के लिये लोगों को इनके द्वारा फैलाई गई भावनाओं के मकड़जाल से मुक्त होना ज़रूरी है।
भाजपा एंड कम्पनी का भ्रष्टाचार लोगों के सामने है
-मायावती ने कहा- नोटबन्दी का फैसला दिखावटी तौर पर देशभर में व्याप्त व्यापक भ्रष्टाचार को समाप्त करने हेतु लिया गया था, परन्तु लोगों को अधिकांशः दण्डित व प्रताड़ित करने वाला सरकारी भ्रष्टाचार हर स्तर पर कम होने के बजाय काफी बढ़ा है।
-बीजेपी एण्ड कम्पनी के करीबी व ख़ास बड़े लोगों के भ्रष्टाचार में एक-के बाद-एक पर्दाफाश होने से अब नरेन्द्र मोदी सरकार का भ्रष्टाचार का दिखावा भी लगातार फूटता जा रहा है। “पैराडाइज पेपर भाण्डाफोड़” इस बात का ताज़ा प्रमाण है।