लखनऊ : उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में मायावती द्वारा दलित-मुस्लिम वोट बैंक को लुभाने के लिए भी कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। ये प्रयास मायावती द्वारा किए जा रहे हैं।
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दरअसल
बहुजन समाज पार्टी को दलितों की समर्थित पार्टी माना जाता है और मायावती अब अल्पसंख्यक वोटबैंक को भी अपने लिए इस चुनाव में प्रमुखता से उपयोग करना चाहती है। मायावती खुलेआम मुसलमानों से सिर्फ उन्हीं की पार्टी को वोट डालने की अपील कर रही हैं, लेकिन अब इस पर विवाद खड़ा हो गया है।
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ऐसे में दलित और अल्पसंख्यक कार्ड खेलकर धर्म और जाति आधारित राजनीति करने के लिए मायावती को लेकर भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता और मोदी सरकार में सूचना व प्रसारण मंत्री एम.वैंकेयानायडू विरोधी के तौर पर सामने हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के माध्यम से मायावती के विरूद्ध कार्रवाई की जाना चाहिए।
एम. वैंकेया नायडू द्वारा कहा गया है कि पहले दो चरण के चुनाव में मायावती ने इस तरह का प्रचार किया है। माना जा रहा है कि इस तरह का प्रचार करने के कारण मायावती के विरोधियों को बेचैनी हो रही है। गौरतलब है कि उत्तरप्रदेश में दलित वोटबैंक 21 प्रतिशत है और लगभग 20 प्रतिशत वोटबैंक मुस्लिम है। ऐसे में मायावती इन दोनों ही वर्गों पर फोकस कर रही है।