पूरे भारत में 4 मार्च को महाशिवरात्रि मनाई जाएगी। सुबह से ही शिवालयों में भक्तों की भीड़ लग जाती है और सभी पूजा-अर्चना से भगवान शिव को प्रसन्न कर आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं। लेकिन महाशिवरात्रि पर इन 12 ज्योतिर्लिंग की पूजा करने करने से भोलेनाथ की विशेष कृपा मिलती है और भगवान आशुतोष प्रसन्न होते हैं, क्योंकि इन ज्योतिर्लिंग में शिवजी खुद विराजमान रहते हैं।
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग
सोमनाथ को पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है जो कि गुजरात के सौराष्ट्र प्रांत के काठियावाड़ क्षेत्र में स्थित है। इसी क्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण ने यदु वंश का संहार कराने के बाद अपनी नर लीला समाप्त कर ली थी।
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग
श्रीमल्लिकार्जुन दूसरा ज्योतिर्लिंग है जो कि आन्ध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल पर्वत पर विराजमान हैं। महाभारत के अनुसार श्रीशैल पर्वत पर भगवान शिव का पूजन करने से अश्वमेध यज्ञ करने का फल प्राप्त होता है।
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग तीसरा ज्योतिर्लिंग है जो कि मध्य प्रदेश के उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर है। कहा जाता है कि यह एकमात्र ज्योतिर्लिंग है जो दक्षिणमुखी है।
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग
ओंकारेश्वर चौथा ज्योतिर्लिंग है जो कि नर्मदा नदी के तट पर स्थित है और इसका अपना ही महत्व है। माना जाता है कि पहाड़ के चारों ओर नदी बहने से यहां ऊं का आकार बनता है और इसी कारण इसे ओंकारेश्वर नाम से पुकारते हैं।
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग
उत्तराखंड की पहाड़ियों में भगवान शिव केदारनाथ ज्योतिर्लिंग के रूप में विराजमान हैं और यह पांचवा ज्योतिर्लिंग है। केदारनाथ का महत्व कैलाश जितना ही है।
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग छठा ज्योतिर्लिंग है जो कि महाराष्ट्र के पुणे जिले में है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति यहां सूर्योदय से पहले दर्शन कर लेता है उसको स्वर्ग मिलता है।
काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग
शिव के प्रिय स्थान काशी में गंगा के किनारे बना है काशी विश्वनाथ का मंदिर। यह सातवां ज्योतिर्लिंग है जिसके बारे में कहा जाता है कि इसकी रक्षा खुद भगवान शिव करते हैं। लोगों का कहना है कि प्रलय आने के बाद भी इस शहर को कुछ नहीं होगा।
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग
महाराष्ट्र के नासिक जिले में ब्रह्मागिरी पर्वत के निकट बने शिव के इस ज्योतिर्लिंग का काफी महत्व है। यह आठवां ज्योतिर्लिंग है। यहां लिंग को हीरे और सोने के ताज से सजाया गया है।
वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग
झारखंड में स्थित वैद्यनाथ धाम को शिव भक्त काफी मानते हैं और यह नौवां ज्योतिर्लिंग है। सावन के दौरान यहां जल चढ़ाने के लिए भक्तों का बड़ा हूजूम उमड़ता है।
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग
नागों के ईश्वर को नागेश्वर कहते हैं और शिव नागों के देवता हैं। कहते हैं जो नागेश्वर ज्योतिर्लिंग आ कर दर्शन करता है उसकी सभी मनोकामना पूरी हो जाती है और यह दसवां ज्योतिर्लिंग है।
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग
हिंदुओं के चार धामों में से एक रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग के बारे में मान्यता है कि इसकी स्थापना खुद श्रीराम ने की थी। यह तमिलनाडु के रामेश्वरम द्वीप पर स्थित है और ग्यारहवां ज्योतिर्लिंग है।
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग
घृष्णेश्वर महादेव का प्रसिद्ध मंदिर महाराष्ट्र के संभाजीनगर के समीप दौलताबाद के पास स्थित है। इसे घृसणेश्वर या घुश्मेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। दूर-दूर से लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं और आत्मिक शांति प्राप्त करते हैं। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से यह अंतिम ज्योतिर्लिंग है।