महाराष्ट्र सरकार की ओर से पद्म पुरस्कारों के लिए नाम सुझाने के लिए बनाई गई समिति के अध्यक्ष के रूप में आदित्य ठाकरे की नियुक्ति की गई है. हालांकि महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले पर विवाद देखा जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस फैसले पर सवाल भी खड़े किए गए हैं.
विपक्षी पार्टी बीजेपी ने मंत्री के रूप में उनके तेवर और अनुभव को देखते हुए इसे अपरंपरागत कहा है. विधान परिषद में विपक्ष के बीजेपी नेता प्रवीण दरेकर ने इस नियुक्ति का विरोध करने के लिए सुशांत सिंह राजपूत मामले को उठाया है.
प्रवीण दरेकर ने कहा, ‘इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक वकील की ओर से आदित्य ठाकरे के नाम का भी उल्लेख किया गया है. ऐसे में पद्म पुरस्कारों की समिति में उन्हें नेतृत्व करने की अनुमति देना उचित नहीं होगा.’
सीएम कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक आदित्य को समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है क्योंकि वे प्रोटोकॉल विभाग भी संभालते हैं. लेकिन अब फैसले की बहुत आलोचना हो रही है.
वहीं सूत्रों का कहना है कि एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने भी आश्चर्यजनक निर्णय लिया है. उन्होंने कथित तौर पर शिवसेना नेताओं से कहा है कि कैबिनेट से किसी वरिष्ठ को आदर्श रूप से समिति का नेतृत्व करना चाहिए.
ऐसी खबरें थीं कि सरकार को संभालने के उद्धव ठाकरे के तौर-तरीकों विशेष रूप से नौकरशाही पर अपनी निर्भरता से शरद पवार नाखुश थे. वहीं आदित्य हाल ही में खबरों में थे क्योंकि सुशांत सिंह राजपूत मामले में बीजेपी नेताओं की ओर से उन पर निशाना साधा गया था. हालांकि आरोपों से आदित्य ने व्यक्तिगत रूप से इनकार किया है.