शिवसेना यूबीटी के नेता अंबादास दानवे ने महाराष्ट्र जमीन सौदे के मामले में सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। दानवे ने आरोप लगाया कि सीएम दवेंद्र फडणवीस, पुणे के जमीन सौदे में आरोपी और डिप्टी सीएम अजित पवार के बेटे पार्थ पवार को बचाने में जुटे हैं। पुणे जमीन सौदे के विवाद में पार्थ पवार ही केंद्र में हैं। दानवे ने आरोप लगाया कि सरकार पार्थ पवार को बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
दानवे ने सरकार पर लगाए आरोप
शिवसेना यूबीटी के नेता अंबादास दानवे ने पार्थ पवार के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की। शिवेसना यूबीटी नेता ने दावा किया कि इस विवाद के बाद डिप्टी सीएम अजित पवार ने गुस्से में सरकार से इस्तीफा देने की भी पेशकश की है। दानवे ने कहा कि ‘वर्षा (महाराष्ट्र सीएम का आधिकारिक आवास) में एक बैठक हुई, जिसमें अजित पवार ने नाराजगी में इस्तीफा देने और सरकार को बाहर से समर्थन देने की पेशकश की।’
जमीन सौदे पर क्या है विवाद
पुणे के मंधवा इलाके में 40 एकड़ सरकारी जमीन को अमादिया एंटरप्राइजेज एलएलपी नामक कंपनी ने 300 करोड़ रुपये में खरीदा था। अमादिया एंटरप्राइजेज में डिप्टी सीएम अजित पवार के बेटे पार्थ पवार साझेदार हैं। यही वजह है कि आरोप लग रहे हैं कि इस सौदे में गड़बड़ी हुई और नियमों का पालन नहीं किया गया और न ही जरूरी मंजूरी ली गई। विपक्ष का आरोप है कि जिस जमीन का 300 करोड़ रुपये में सौदा हुआ, उसकी असल कीमत करीब 1800 करोड़ रुपये है। विवाद बढ़ने पर बीते हफ्ते अजित पवार ने कहा कि जमीन सौदा रद्द कर दिया गया है। साथ ही उन्होंने ये भी दावा किया कि पार्थ को इस जमीन के सरकारी जमीन होने की जानकारी नहीं थी।
गुरुवार को छत्रपति संभाजीनगर में मीडिया से बात करते हुए अंबादास दानवे ने आरोप लगाया कि भाजपा को पुणे के जमीन सौदे के बारे में पहले से जानकारी थी और वे इस सौदे को अपनी सहयोगी पार्टी एनसीपी के खिलाफ इस्तेमाल करने की योजना बना रही थी। अगर भविष्य में कुछ भी गड़बड़ होती तो पार्थ पवार को मिनटों में गिरफ्तार किया जा सकता था। राजनीति को कंट्रोल करने के लिए ऐसी चालें चलना आपराधिक मानसिकता की निशानी है।’
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