महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे रविवार की शाम औरंगाबाद में रैली करेंगे।औरंगाबाद पुलिस राज ठाकरे की रैली को देखते हुए सतर्क है। उसने इस रैली के लिए मनसे को सशर्त अनुमति दी है। गत शुक्रवार दोपहर जब राज ठाकरे बाला साहब ठाकरे की तरह भगवा शाल ओढ़कर औरंगाबाद जाने के लिए अपने घर से निकले तो मनसे कार्यकर्ताओं ने ढोल-नगाड़ों के साथ उनका स्वागत किया था। औरंगाबाद 30 फीसद मुस्लिम आबादी वाला शहर है। यहां पिछले चुनाव में शिवसेना को हराकर एआइएमआइएम के इम्तियाज जलील लोकसभा में पहुंचे हैं। औरंगाबाद हमेशा से राजनीति का केंद्र भी रहा है। मुगल शासक औरंगजेब की कब्र इसी शहर में है। औरंगजेब ने लंबे समय तक यहां रहकर छत्रपति शिवाजी महाराज से अपनी लड़ाई जारी रखी। शिवाजी महाराज के बाद उनके पुत्र छत्रपति संभाजी महाराज को गिरफ्तार कर औरंगजेब ने पुणे के निकट उनकी हत्या करा दी थी।
बाला साहब ठाकरे की तरह भगवा शाल ओढ़कर घर से निकले थे राज ठाकरे
शिवसेना, भाजपा और मनसे हमेशा से औरंगाबाद का आधिकारिक नामकरण संभाजी नगर के रूप में करवाना चाहते हैं। शनिवार को पुणे से औरंगाबाद रवाना होने से पहले राज ठाकरे ने संभाजी महाराज की समाधि पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की। शिवसेना संस्थापक बाला साहब ठाकरे अपने जीवनकाल में औरंगाबाद को हमेशा संभाजी नगर ही पुकारते रहे। माना जा रहा है कि राज ठाकरे ने बड़ी मुस्लिम आबादी को देखते हुए ही ईद से ठीक पहले अपनी रैली के लिए इस शहर का चुनाव किया है। उन्होंने उद्धव सरकार को चेतावनी दे रखी है कि यदि तीन मई तक महाराष्ट्र की मस्जिदों से लाउडस्पीकर न हटाए गए तो उनकी पार्टी मस्जिदों के सामने लाउडस्पीकर पर ही हनुमान चालीसा का पाठ करेगी।
राज ठाकरे ने संभाजी महाराज की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की
इधर, आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) की तरफ से रविवार को औरंगाबाद में इफ्तार पार्टी में शामिल होने का राज ठाकरे को न्योता मिला है। यह न्योता स्थानीय सांसद इम्तियाज जलील ने राज ठाकरे को दिया है। रविवार शाम को ही राज ठाकरे की औरंगाबाद में एक बड़ी रैली भी है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम के सांसद इम्तियाज जलील ने रविवार को अपनी इफ्तार पार्टी रखी है। चूंकि इसी दिन राज ठाकरे औरंगाबाद में अपनी रैली करने जा रहे हैं, इसलिए इम्तियाज ने उन्हें अपनी इफ्तार पार्टी में आमंत्रित करते हुए कहा है कि राज ठाकरे की रैली शाम को है। यदि वह इससे पहले हमारी इफ्तार पार्टी में आते हैं तो इससे देश में सकारात्मक संदेश जाएगा और हिंदू-मुस्लिम एकता और मजबूत होगी।