छगन भुजबल ने बताया कि वे केवल प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे के अनुरोध के कारण पार्टी बैठक में शामिल हो रहे हैं। बता दें कि उन्हें इस बार महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया। उन्होंने इसके लिए उपमुख्यमंत्री अजित पवार को जिम्मेदार ठहराया।
राकांपा के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने महाराष्ट्र कैबिनेट से खुद को बाहर किए जाने को लेकर पार्टी प्रमुख और उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर निशाना साधा था। उन्होंने शनिवार को बताया कि वे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के अनुरोध पर पार्टी सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं। राकांपा नेता ने कहा कि दो दिवसीय राकांपा सम्मेलन में उनकी उपस्थिति का यह मतलब नहीं कि सभी मुद्दे सुलझा लिए गए।
पत्रकारों से बात करते हुए राकांपा नेता छगन भुजबल ने कहा, “पार्टी नेता प्रफुल्ल पटेल मुझसे दो घंटे तक मुलाकात की और मुझसे सिरडी सम्मेलन में शामिल होने का अनुरोध किया। राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने फोन पर मुझसे बात की और सिरडी आने का अनुरोध किया।” उन्होंने बताया कि वे केवल प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे के अनुरोध के कारण पार्टी बैठक में शामिल हो रहे हैं।
छगन भुजबल ने कहा, “इसका यह मतलब नहीं है कि सभी मुद्दे सुलझा लिए गए। यह एक पार्टी बैठक है, किसी व्यक्ति विशेष की बैठक नहीं है।” पूर्व मंत्री छगन भुजबल को इस बार महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया। उन्होंने इसके लिए उपमुख्यमंत्री अजित पवार को जिम्मेदार ठहराया। इसके विरोध में वे राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र से भी दूर रहे। इसके साथ ही उन्होंने एक अलग राजनीतिक राह अपनाने का संकेत देते हुए कहा था, ‘जहां नहीं चैना, वहां नहीं रहना।’
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