बिहार में महागठबंधन पर खतरा एक बार फिर मंडराने लगा है। जेडीयू के बाद कांग्रेस महागठबंधन से अलग हो सकती है। बिहार कांग्रेस के 19 विधायकों ने पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर आरजेडी से अलग होने की बात कही है। 27 में से 19 विधायकों की इस मांग को पार्टी नजरअंदाज नहीं कर सकती है, क्योंकि संवैधानिक तौर पर पार्टी से अलग होने के लिए दो तिहाई (18) विधायकों की जरूरत होती है।
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बीते दिनों बिहार कांग्रेस में टूट की खबरें सामने आई थीं। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी ने पार्टी के वरिष्ट अधिकारियों पर उन्हें पद से हटाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। इससे पहले उन्होंने व्यस्तता के कारण राहुल गांधी की बैठक में भाग न ले पाने की बात कही थी।
प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा कि वह जल्द ही पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे और उनसे पुछेंगे की आखिर वह राहुल की बैठक में हिस्सा क्यों नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि महागठबंधन से जेडीयू के अलग होने के बाद से वह दो बार सोनिया गांधी और राहुल से मिल चुके हैं। इस बार उन्हें कुछ व्यक्तिगत काम था, जिस वजह से वह बैठक में हिस्सा नहीं ले सके।
बता दें कि चौधरी को बिहार कांग्रेस के 14 विधायक और 4 एमएलसी का समर्थन प्राप्त है। उन्हें कांग्रेस के अलग होने के लिए केवल चार अन्य विधायकों की जरूरत है, जिसके बाद वह चाहे तो जेडीयू से मिल सकते हैं। राजनीतिक पंडितों की माने तो नीतीश ने कांग्रेस के बागियों को लुभाने के लिए अपने मंत्रालय में 8 सीट खाली रखी हैं।
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