पेनांग में मालिक द्वारा प्रताड़ित किए जाने से घरेलू सहायिका की मौत के बाद अपने घरेलू श्रमिकों को मलेशिया भेजने पर रोक लगाने को लेकर इंडोनेशिया फिर से विचार करना चाहता है। 21 वर्षीय एडेलिना लिसाओ की मौत अस्पताल में हो गयी। उसे उसके मालिक के चंगुल से बचाकर लाया गया था। एडेलिना के सिर और चेहरे पर गंभीर चोटें थी साथ ही हाथों और पैरों पर भी जख्म के निशान थे। जकार्ता पोस्ट के अनुसार, मलेशिया में इंडोनेशियाई एंबेस्डर रुस्दी किराना ने बताया कि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो ने इस मुद्दे पर मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक से पिछले साल चर्चा की थी।
रुस्दी ने आगे बताया कि उन्होंने पहले राष्ट्रपति विदोदो से संभावित प्रतिबंध के बारे में बात की थी। रुस्दी ने कहा कि दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों को सुधारने के उद्देश्य से, उन्होंने रोजगार प्रशासन प्रक्रिया को पुनर्गठन करने का प्रस्ताव भी रखा था।
उन्होंने आगे कहा, ‘सहयोग को बढ़ाने के क्रम में एडेलिना के साथ जो हुआ वह दोबारा नहीं होना चाहिए।‘ इंडोनेशियाई अधिकारियों के अनुसार, रिक्रूटर्स ने 2015 में नकली कागजातों का इस्तेमाल कर एडेलिना को मलेशिया भेजा था। मलेशिया और इंडोनेशिया के बीच रिश्तों में प्रवासी श्रमिकों के दोहराए जाने वाले मामलों के साथ परेशान किया गया है।
2016 के दिसंबर में 19 वर्षीय इंडेनेशियाई घरेलू सहायिका पर उसके मलेशियाई नियोक्ता ने चाकू व मेटल के झाड़ू से हमला किया था। उधर मलेशिया के उप प्रधानमंत्री अहमद जाहिद हमिदी ने इंडोनेशिया द्वारा प्रतिबंध जैसे कदम उठाने पर कहा कि ऐसे सख्त कार्रवाई से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ेगा। हम इसपर गहरा दुख व्यक्त करते हैं कि एक-दो घरेलू सहायिका के साथ प्रताड़ना के मामले के बाद इंडोनेशिया की ओर से इस तरह की कार्रवाई की जा रही है। जाहिद ने कहा कि वे इंडोनेशियाई मैनपावर से मिलेंगे और इस मामले में संभावित हल निकालने का प्रयास करेंगे।