मनसुख हिरेन केस : पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को गिरफ्तार किया जाए : देवेंद्र फडणवीस

मनसुख हिरेन मामले में मंगलवार को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की गिरफ्तारी की मांग की है। विधानसभा में बहस के दौरान देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि आईपीसी की धारा 201 (सबूत मिटाने) के तहत सचिन वाजे की गिरफ्तारी क्यों नहीं हो रही है।

देवेंद्र फडणवीस ने पूछा कि कौन उनको बचा रहा है? इसके अलावा मनसुख हिरेन की पत्नी के बयान को दोहराते हुए फडणवीस ने कहा कि जिस संदिग्ध कार में जिलेटिन की छड़ें मिली थीं, वो चार महीने से वाजे के कब्जे में थी। बता दें कि सचिन वाजे मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली संदिग्ध कार मामले की जांच कर रहे थे। इसके बाद देवेंद्र फडणवीस ने सचिन वाजे को गिरफ्तार करने की मांग की है।

गत 25 फरवरी को अंबानी के घर से बाहर पार्क स्कॉर्पियो से विस्फोटक सामग्री जिलेटिन की करीब 20 छड़े बरामद हुईं। इसके अलावा कार से एक पत्र मिला, जिसमें अंबानी परिवार को धमकी दी गई। कुछ दिनों बाद स्कॉर्पियो के मालिक का शव बरामद हुआ, जिसकी पहचान मनसुख हीरेन के रूप में हुई। मनसुख का शव ठाणे के क्रीक में बरामद हुआ। पुलिस ने कहा था कि कार 18 फरवरी को एरोली-मुलुंद ब्रिज से चोरी हुई थी। महाराष्ट्र के आतंक रोधी दस्ते (एटीएस) ने आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य मिटाने) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि राज्य पुलिस हिरेन  की मौत के मामले को सुलझाने में समर्थ है और अंबानी के आवास के पास से विस्फोटक से लदी कार बरामद की थी। वाहन के मालिक हिरेन मनसुख शुक्रवार को ठाणे में मृत पाए गए थे।

कुछ दिनों पहले ही स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन की संदिग्ध मौत हो गई थी और लाश एक नाले से बरामद की गई थी। इतना ही नहीं शव की जांच के दौरान उनके मुंह से पांच रूमाल निकले थे। इन्हीं सब को देखते हुए गृह मंत्रालय ने पूरे मामले की जांच एनआईए को सौंप दी। अब एनआईए मनसुख हिरेन की मौत मामले की जांच कर पता लगाएगी कि एंटीलिया के बाहर स्कॉर्पियो खड़ा करने का क्या मकसद था और इसके पीछे किसकी साजिश थी।

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