मध्य प्रदेश विधानसभा परिसर में अपने चैंबर में मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने नगरीय प्रशासन और विकास विभाग की समीक्षा की। इसमें मुख्यमंत्री ने नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों को नगरीय निकायों की वित्तीय व्यवस्था को मजबूत करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने विभाग में आवंटित मद की राशि को किसी अन्य मद में खर्च करने पर नाराजगी जताई। उन्होंने ने सीधे कहा कि इस तरह के प्रकरणों की जांच की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को कंपाउंडिंग, बिल्डिंग परमिशन की व्यवस्था को सरलीकृत करने को भी कहा।
नई तकनीक से पानी दोबारा उपयोग करने लायक बनाएं
मुख्यमंत्री ने नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों से कहा कि उज्जैन शिप्रा शुद्धिकरण के लिए प्रोजेक्ट बनाएं। कान्ह नदी का गंदा पानी शिप्रा नदी में न मिले यह सुनिश्चित करें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रोजेक्ट में नई तकनीक से पानी को दोबारा उपयोग करने लायक बनाएं।
हुकुमचंद मिल के मजदूरों को मिलेगा बकाया पैसा
मुख्यमंत्री में बैठक में कहा कि इंदौर की हुकुमचंद मिल के मजदूरों को बकाया पैसा दिया जाएगा। उन्होंने मजदूरों को भुगतान के लिए 464 करोड़ रुपए की राशि को मंजूरी दी। बता दें हुकुमचंद मिल के मजदूरों का भुगतान दो दशक से लंबित था।
मछली, मटन की ब्रिकी के लिए अलग से बनेगा मार्केट
मुख्यमंत्री ने नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों को मछली, मटन की बिक्री के लिए अलग से मार्केट बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने मार्केट के निर्माण तक शेड की व्यवस्था करने को कहा। बता दें सीएम ने अपनी पहली ही कैबिनेट में खुले में मांस बेचने को लेकर सख्त निर्देश दिए जारी किए थे।