उपचुनावों के नतीजों के मद्देनजर सरकार, संगठन और नौकरशाही में जल्दी ही फेरबदल हो सकता है। लंबे समय से इसकी चर्चा है, पर हर बार किसी न किसी वजह से यह टलता रहा है। अब जो भी फेरबदल होगा वह वर्ष 2019 के आम चुनावों को ध्यान में रखकर ही होगा।
सूत्रों के अनुसार फेरबदल में पार्टी अपने परंपरागत मतदाताओं को सहेजने के साथ बाकी वर्गों के मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए जातीय समीकरण का भी ध्यान रखेगी। खराब छवि वाले कुछ मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती है। संगठन से कुछ लोग मंत्रिमंडल में और मंत्रिमंडल से कुछ लोग संगठन में भी भेजे जा सकते हैं।
उधर भाजपा विधायक और कार्यकर्ता सरकारी मशीनरी से खुश नहीं हैं। उनकी शिकायत है कि थाना, ब्लाक और तहसील स्तर पर कुछ भी नहीं बदला है।
‘ग्राम स्वराज अभियान के पहले चरण के दौरान कई जगह लोगों ने मुख्यमंत्री से लेकर अन्य मंत्रियों के सामने इसकी शिकायत भी की। इन्हीं शिकायतों के मद्देनजर भाजपा एक से 15 जून तक बड़े पैमाने पर गांवों में चौपाल लगाने जा रही है। इनके जरिये सरकार और नौकरशाही के बारे में लोगों की प्रतिक्रिया लेकर वह आगे की रणनीति तैयार करेगी।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.महेंद्र नाथ पांडेय ने गुरुवार को अनुसूचित मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कौशल किशोर की संस्तुति पर नई कार्यकारिणी घोषित की है। इसमें बांकेलाल सोनकर, प्रभुदयाल कठेरिया, गिरीश चंद्रा, अमरनाथ पासवान, डॉ.मामचंद्र, जयपाल श्रीवास, रामहित राम और होराम सिंह को प्रदेश उपाध्यक्ष, शेषनाथ आचार्य, डीपी भारती, अशोक वर्मा को महामंत्री,