नोटबंदी(#Demonetization) के बाद से कैश की किल्लत के साथ ही देशभर में ऑनलाइन शॉपिंग और ट्रांजैक्शन में काफी इजाफा हुआ है। इससे जहां भारतीय बैंकों और ट्रेडर्स को फायदा हो रहा है तो वहीं भारत के अलावा कई दूसरे देश भी हैं जिन्हें नोटबंदी से फायदा हो रहा है। विशेषज्ञों की मानें, तो इस फैसले से कुछ देशों को सीधे या अप्रत्यक्ष तौर पर फायदा हो सकता है।
मोदी सरकार ने पुराने 500 और 1000 के नोट को बंद कर दिया, एक्सपर्ट की माने तो इस फैसले से चीन, अमेरिका, जापान, डेनमार्क समेत कई देशों को फायदा होगा। खासतौर पर उन लोगों को जो ऑनलाइन शॉपिंग और ट्रांजैक्शन के लिए किसी न किसी तरह जरिया बन रहे हैं।
चीन को कैसे होगा फायदा
देश के 2 लाख एटीएम में से सिर्फ 22,500 ही नए नोट दे पा रहे हैं। एटीएम में सॉफ्टवेयर और ट्रे आदि बदलने की जरूरत है। इन मशीनों में जो नए पार्ट्स लगाए जाने हैं वह चीन से ही खरीदा जाना है। बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि भी की और बताया कि चीन से इनकी खरीद हो चुकी है और पार्ट्स भारत लाए जा रहे हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य ने एक मीडिया संस्थान को बातचीत में ये भी बताया था कि मैग्नेटिक और हार्डवेयर, जिसे मैग्नेटिक स्पेसर और वेज के नाम से जाना जाता है, स्टॉक में नहीं है। जब ये आ जाएंगे तो सभी एटीएम काम करने लगेंगे।
POS और POS प्रिंटर मशीन का इंपोर्ट
नोट बैन के बाद कार्ड स्वैपिंग मशीन के अलावा रसीद प्रिंट करने वाले प्रिंटर की भी डिमांड खूब बढ़ी है। भारत में ज्यादातर ऐसी मशीनों के पार्ट्स या मशीन अमेरिका और चीन से ही आते हैं। साइबर रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका की कंपनी Epson की POS प्रिंटर मशीनों का भारत में इंपोर्ट 32 फीसदी बढ़ा है। इसके अलावा, इन मशीनों को बनाने के लिए पार्ट्स चीन से इंपोर्ट किये जाते हैं।
भारत में नोटों की छपाई से इन देशों का फायदा
नोटबंदी के बाद से 500 और 2000 के नए नोट की छपाई खूब हो रही है ऐसे में इसके लिए आवश्यक सिक्युरिटी फीचर्स, इंक और पेपर हमें विदेशों से मंगाना पड़ रहा है। भारत को इसके लिए डेनमार्क से लेकर कुवैत तक सभी की मदद लेनी पड़ रही है।