भारत में आ पहुंचा है ऐसा फंगस, जिसका कोई इलाज नहीं है, 90 दिनों में मौत होनी तय

वक्त जैसे जैसे बीत रहा है. देश-दुनिया में विज्ञान उतनी ही तेजी से प्रगति कर रहा है. कोई मंगल ग्रह पर पानी ढूढ़ रहा है तो कोई परमाणु से भी दमदार हथियार बनाने में लगा हुआ है.

जहां एक ओर मेडिकल और साइंस की दुनिया तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं दूसरी और बीमारियां भी अपने पैर पसार रही हैं. इन दिनों पूरी दुनिया में एक रहस्यमी फंगस तेजी से अपने पैर पसार रहा है. डरने की बात ये है कि इस फंगस का कोई इलाज नहीं है. इससे भी ज्यादा खतरनाक बात यह है कि यह संक्रमित इंसानों की मौत के बाद भी खत्म नहीं होता है.

फंगस का नाम है ‘कैंडिडा ऑरिस’

अंतरराष्ट्रीय अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस फंगस का नाम कैडिडा ऑरिस है. यह इंसान की मौत के बाद खत्म नहीं होता है, बल्कि एक शरीर से दूसरे शरीर में तेजी से फैलता है और लोगों को अपनी चपेट में लेता है.

  

पहली बार बुजुर्ग में पाया गया था यह फंगस

रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘कैंडिडा ऑरिस’ का पहला मरीज ब्रुकलिन में मिला था. रिपोर्ट के मुताबिक, माउंट सिनाई हॉस्पिटल फॉर ऐब्डॉमिनल सर्जरी के दौरान एक व्यक्ति के ब्लड टेस्ट से यह बात सामने आई थी कि वह एक फंगस से पीड़ित है. जब डॉक्टरों ने इसकी तह तक जाना चाहा तो पता चला कि यह कैंडिडा ऑरिस है और एक जानलेवा फंगस है और मौत के बाद भी इंसान के शरीर से खत्म नहीं होता है. बुजुर्ग के टेस्ट के बाद डॉक्टरों ने उसे इन्टेन्सिव केयर यूनिट में शिफ्ट किया था. इसके बाद उन्हें कई और ऐसे ही केस सामने आए.

 

भारत-पाकिस्तान में सामने आ रहे हैं मामले
रिपोर्ट के मुताबिक, यूएस और यूरोप के बाद अब यह फंगस भारत, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रिका में भी दिखाई देने लगा है.
  
90 दिनों में हो जाती है संक्रमित मरीज की मौत
अब तक इस फंगस से जुड़े जो भी मामले सामने आए हैं, उनमें 90 दिन के अंदर मरीज की मौत हो गई है. डॉक्टरों का कहना है कि अस्पताल में मौजूद लोगों, उपकरणों समेत अन्य चीजों के आयात-निर्यात से भी यह एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलता जा रहा है.
  
इन लोगों को बनाता है शिकार
डॉक्टरों का मानना है कि यह फंगस उन्हीं लोगों को अपना शिकार बनाता है, जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है. हालांकि इस पर कोई भी स्पष्ट राय नहीं है.

मेडिकेशन का नहीं होता है असर

डॉ. स्कॉट लॉरिन का कहना है कि फंगस कैंडिडा ऑरिस इतना खतरनाक है कि इस पर ऐंटीफंगल मेडिकेशन का भी असर नहीं होता. एक समस्या यह भी है कि लोगों को इस फंगस के बारे में कम जानकारी है क्योंकि इसे गोपनीय बनाकर रखा गया है. इस पर अब तक दवाएं नहीं बन पाई हैं.
  

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