अब नैनो फाइबर की मार से कोरोना वायरस का खात्मा हो जाएगा। आइआइटी के पूर्व पीएचडी छात्र ने प्रोफेसर व वैज्ञानिकों की मदद से ऐसा पांच लेयर वाला मास्क तैयार किया है, जिसके संपर्क में आने के चंद सेकेंड के अंदर वायरस और बैक्टीरिया दम तोड़ देंगे। यह मास्क डॉक्टरों और आमजन के लिए तो बेहद उपयोगी होगा, इसके साथ ही रोगी के इलाज में भी बेहद कारगार साबित होगा।
आइआइटी के पूर्व पीएचडी छात्र डॉ. संदीप पाटिल ने यह शक्तिशाली मास्क डॉ. शिवा कुमार, डॉ. मनीष कुलकर्णी, डॉ. प्रभात द्विवेदी, डॉ. राजा अंगमत्थू व डॉ. टीजी गोपाकुमार के साथ मिल कर तैयार किया है।
परीक्षण में मास्क खरा उतरने के बाद अब स्टार्टअप कंपनी ई स्पिन नैनोटेक इसके निर्माण की तैयारी में जुट गई है। मास्क के तीन महीने में बाजार में आने की संभावना है। हालांकि इसकी कीमत अभी तय नहीं की गई है।
यह मास्क पावरफुल नैनो फाइबर से बैक्टीरिया व वायरस का सफाया करेगा। इसमें नैनो फाइबर चार्ज पार्टिकल के एक्टिव एजेंट होंगे, जो बैक्टीरिया ववायरस का खात्मा कर देंगे।
जैसे सैनिटाइजर व साबुन से बैक्टीरिया व वायरस खत्म हो जाते हैं, उसी प्रकार नैनो फाइबर के संपर्क में आते ही वह मर जाएंगे। ऐसे में मास्क के जरिए बैक्टीरिया और वायरस घर नहीं आएंगे।
केमिकल इंजीनियरिंग नैनो टेक्नोलॉजी से पीएचडी करने वाले डॉ. संदीप पाटिल ने बताया कि पांच लेयर के इस मास्क में पहली लेयर धूल को रोकेगी, दूसरी बारीक कणों से बचाएगी, तीसरी अतिसूक्ष्म कणों को शरीर में पहुंचने से रोकेगी, चौथी नैनो फाइबर लेयर होगी जो बैक्टीरिया व वायरस को मारेगी। इसके अलावा पांचवीं लेयर सपोर्टिंग लेयर होगी जो मास्क को करीब महीने भर तक सुरक्षित रखने में मददगार होगी।
डॉ. संदीप ने बताया कि यह मास्क डॉक्टरों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा क्योंकि वह लगातार मरीजों के संपर्क में रहते हैं। इससे वह कोरोना संक्रमण से बचे रहेंगे, वहीं आम लोग भी सुरक्षा के लिहाज से इसका इस्तेमाल कर सकेंगे।
वहीं रोगी के लिए भी बेहद उपयोगी साबित होगा, इसे इस तरह समझ सकते हैं जब रोगी के खांसने पर मुंह से बाहर आने वाले ड्रॉप लेट्स मास्क के संपर्क में आएंगे तो चंद सेंकेंड में खत्म हो जाएंगे। इस तरह वह वापस मुंह के अंदर नहीं जा सकेंगे और संक्रमण बढ़ने का खतरा कम होने से जल्दी स्वस्थ होंगे।