नई दिल्ली: प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन 800 से 1000 मिलीग्राम कैल्शियम की आवश्यकता होती है, जबकि भारत में लोगों को औसतन 429 मिलीग्राम कैल्शियम ही मिल पा रहा है. इंटरनेशनल ऑस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन (आईओएफ) द्वारा आहार के रूप में कैल्शियम सेवन पर जारी एक अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है. अध्ययन के मुताबिक, कैल्शियम हड्डियों का एक प्रमुख घटक है, जो करीब 30 से 35 प्रतिशत द्रव्यमान व ताकत के लिए जरूरी है. कैल्शियम का कम सेवन हड्डी-खनिज के कम घनत्व से जुड़ा हुआ है, जो ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डियों के टूटने का खतरा बढ़ाता है.
हार्ट केयर फाउंडेशन (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल ने कहा, “किसी भी व्यक्ति का कैल्शियम का सेवन जीवन के प्रत्येक चरण में भिन्न होता है. हड्डियों की तीव्र वृद्धि के कारण किशोरावस्था में विशेष रूप से इसकी अधिक आवश्यकता होती है और बुढ़ापे में भी, जब शरीर में कैल्शियम को अवशोषित करने की क्षमता कम हो जाती है. “
उन्होंने कहा, “बुजुर्गो में प्रति वर्ष लगभग 1 प्रतिशत की दर से हड्डियों की क्षति होती रहती है, जिसके परिणामस्वरूप प्रति वर्ष लगभग 15 ग्राम कैल्शियम कम हो जाता है. हड्डियां खोखली होती हैं और आम तौर पर एक वयस्क पुरुष के पूरे कंकाल का वनज 3 किलो से कम होता है. हर किसी के शरीर में, 30 साल की उम्र तक हड्डियों का निर्माण होता रहता है और फिर हड्डी के रिजोप्र्शन या पुनर्वसन की प्रक्रिया शुरू होती है.
कैल्शियम काले चने, उड़द की दाल और तिल में भी मौजूद होता है. पान में चूने के रूप में भी कैल्शियम मौजूद होता है, लेकिन यह पूरी तरह अवशोषित नहीं हो सकता है. ” डॉ. अग्रवाल ने कैल्शियम की आपूर्ति के लिए सुझाव देते हुए कहा, “पर्याप्त विटामिन डी प्राप्त करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है.
इसके कुछ स्रोतों में दूध, नारंगी का रस, मशरूम और अंडे की जर्दी शामिल है. हर दिन लगभग 30 मिनट के लिए पर्याप्त शारीरिक गतिविधि में हिस्सा लें. ऐसे कई व्यायाम हैं जो हड्डी की ताकत बढ़ाने और संतुलन व समन्वय में सुधार करने में मदद कर सकते हैं. ” उन्होंने कहा, “कैफीन के सेवन को सीमित करें, क्योंकि यह कैल्शियम के अवशोषण को कम कर सकता है. यदि आप धूम्रपान करते हैं या अल्कोहल लेते हैं, तो इन आदतों को छोड़ना एक अच्छा विचार हो सकता है. “