वॉशिंगटन. ट्रंप प्रशासन ने एच-1-बी वीजा देने की नई पॉलिसी को और कठोर बना दिया है. इससे एच-1-बी वीजा जारी करने की प्रक्रिया कठिन हो गई है. ये प्रक्रिया एक या उससे ज्यादा थर्ड पार्टी की वर्क साइट पर लागू होगी. अमेरिका की इस नई वीजा नीति भारतीय आईटी कंपनियां बुरी तरह प्रभावित होंगी. यूएस ने इस नई नीति की घोषणा एक दिन पहले ही की है.
नई व्यवस्था के तहत, कंपनी को अधिक प्रमाण देने होंगे कि एच-1-बी वीजा पाने वाला उसका कर्मचारी थर्ड पार्टी की वर्कसाइट पर विशेष योग्यता वाला है और खास योग्यता वाले ऑक्युपेशन में नॉन क्वालिफाइंग असाइनमेंट में कार्य नहीं करता है. एच-1-बी वीजा प्रोग्राम के तहत अल्पकालीन अवधि के अमेरिका का वीजा मिलता है. इसमें कंपनियों को हाई स्किल्ड विदेशी प्रोफेशनल्स को हायर करने की अनुमति होती है.
यह तभी किया जा सकता है जब कार्य क्षेत्र में अमेरिकन वर्कर्स की कमी हो. एच-1-बी वीजा की सुविधा का सबसे अधिक उपयोग भारतीय आईटी कंपनियां करती हैं. ये बड़ी संख्या में अपने कर्मचारियों को थर्ड पार्टी वर्कसाइट पर नियुक्त करती हैं. अमेरिकी बैंकिंग, ट्रैवल और कमर्शियल सर्विसेस की इन साइट्स पर आईटी वर्कर्स पर निर्भर हैं. भारत के आईटी वर्कर्स यहां ऐसे जॉब करते हैं.
ट्रम्प प्रशासन के इस नए कदम की घोषणा सात पेज मेें नई पॉलिसी ‘इम्पॉवर्स द यूएस सिटीजनशिप एंड इम्मीग्रेशन सर्विसेस ( USCIS)’ की घोषणा की गई है. इसमें कर्मचारी को एच-1-बी वीजा केवल एक विशेष अवधि के लिए जारी किया जाएगा. यह वीजा उन्हें जारी होगा जो ( मेल/ फीमेल) थर्ड पार्टी की वर्क साइट पर काम करता है.
नई पॉलिसी की खास बातें-
– एच-1-बी वीजा तीन साल से कम अवधि के लिए जारी किया जा सकता है.
– यह एच-1-बी वीजा करने के पहले के बिलकुल उलट होगा क्योंकि इसे एक बार में तीन साल के लिए जारी किया जाता था.
– नई घोषणा जल्द लागू होगी, जिसके चलते उम्मीद है कि एच-1-बी वीजा की फाइलिंग 2 अप्रैल से शुरू हो जाएगी
– वीजा की फाइलिंग वित्तीय वर्ष 2019 के लिए, जिसकी शुरुआत 1 अक्टूबर 2018 से होगी.
– एच-1-बी वीजा का आवेदन थर्ड पार्टी वर्कसाइट को स्वीकृत होना चाहिए और इसके साक्ष्य आवेदक को देना होंगे.
– वीजा का लाभ पाने वाले कर्मचारी को बताना होगा कि वह विशेषज्ञ प्रोफेशनल के तौर पर नियुक्त है
– ये अवधि वीजा के आवेदन में मांगी गई अवधि के लिए होगा.
– जब एच-1-बी वीजा धारक को थर्ड पार्टी वर्क साइट पर तैनात किया जाएगा तो कंपनियों को बताना होगा कि उन्हें विशेषज्ञ प्रोफेशनल की जरूरत है, जो उनके यहां उपलब्ध नहीं है.
– एच-1-बी वीजा की अवधि बढ़ाने को खासतौर से और अधिक कड़ा बनाया गया है, यदि कर्मचारी का कंपनी से समय से पूर्व कॉन्ट्रैक्ट समाप्त हो चुका है. दरअसल, अमेरिकी कंपनी बुरी तरह से अपने कर्मचारी का कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर देती हैं, जब उनके पास काम नहीं होता है इसे आईटी की बोलचाल में ऑन बेंच कहा जाता है.
एच-1-बी वीजा के आवेदन को तीन साल तक के लिए स्वीकार किया जा सकता है, लेकिन इम्पॉवर्स द यूएस सिटीजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विसेस (USCIS) इसको सीमित कर सकती है. अगर कर्मचारी को सामान्य कार्य में लगाया जाता है.
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