यूपी: जाति विशेष की बैठकों पर भाजपा अध्यक्ष सख्त

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी की सख्ती के बाद भाजपा विधायकों ने जाति विशेष के जनप्रतिनिधियों की बैठकों से पैर पीछे खींच लिए हैं। इससे उनकी 5 जनवरी 2026 को होने वाली विशेष बैठक भी खटाई में पड़ गई है। पंकज चौधरी ने साफ कर दिया है कि ऐसी गतिविधियां भाजपा की संविधानिक परंपराओं के अनुकूल नहीं हैं।

चौधरी ने जाति विशेष के भाजपा विधायकों की हाल में हुई बैठकों पर सख्त हिदायत दी है कि वे नकारात्मक और जातिवादी राजनीति का शिकार न बनें। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मीडिया में प्रसारित एक समाचार के अनुसार विधानसभा सत्र के दौरान कुछ जनप्रतिनिधियों ने विशेष भोज का आयोजन किया था, जिसमें उन्होंने अपने समाज को लेकर चर्चा की। उनसे बात कर भविष्य में सतर्कता बरतने को कहा गया है।

प्रदेश अध्यक्ष ने जनप्रतिनिधियों से कहा है कि ऐसी गतिविधियों से गलत संदेश जाएगा। भविष्य में ऐसी किसी भी गतिविधि को अनुशासनहीनता माना जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी की विकासवादी राजनीति और राष्ट्रवाद के सामने प्रदेश में विपक्ष की जाति आधारित राजनीति का अंत हो रहा है। जाति आधारित राजनीति करने वाली सपा, बसपा और कांग्रेस का भविष्य अंधेरे में है। ऐसे दल भाजपा के खिलाफ अंधेरे में तीर छोड़ रहे हैं। भाजपा के जनप्रतिनिधि पार्टी की मर्यादा और अनुशासन में काम करते हैं।

दिल्ली पहुंचे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक

ब्राह्मण विधायकों की बैठक के बाद उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक अचानक दिल्ली पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। उनकी इस मुलाकात के सियासी निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। कुछ लोग इसे उप मुख्यमंत्री के बढ़ते कद से जोड़कर देख रहे हैं तो कुछ लोग इसे भाजपा की रणनीति बता रहे हैं।

प्रदेश में कुल 52 ब्राह्मण विधायक हैं, जिनमें से 46 भाजपा से हैं। कुछ दिन पहले ठाकुर विधायकों की बैठक हुई। फिर 23 दिसंबर को ब्राह्मण समाज के विधायकों ने बैठक की। इसे लेकर तरह-तरह के कयास लगाए गए। इसी बीच बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लखनऊ पहुंचे। राष्ट्र प्रेरणा स्थल का लोकार्पण किया। समारोह में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक भी मौजूद रहे।

देर शाम पता चला कि वह दिल्ली पहुंच गए

देर शाम पता चला कि वह दिल्ली पहुंच गए हैं। सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी तस्वीर सामने आई। इसके बाद कयासबाजी का दौर शुरू हो गया। अचानक प्रधानमंत्री से पाठक की मुलाकात को सियासी नजरिए से अहम माना जा रहा है क्योंकि चंद दिन पहले ही भाजपा को नया प्रदेश अध्यक्ष मिला है। कयास मंत्रिमंडल विस्तार के भी हैं। इस लिहाज से भी ब्रजेश पाठक के प्रधानमंत्री से मिलने के सियासी निहितार्थ निकाले जा रहे हैं।

कुछ लोग इसे उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के बढ़ते सियासी कद से जोड़कर देख रहे हैं। तर्क है कि सत्ता पक्ष में ब्राह्मण समाज के सशक्त चेहरे के रूप में भी ब्रजेश पाठक हैं। वह ब्राह्मण समाज के विधायकों की बैठक में खुद मौजूद नहीं थे, लेकिन प्रधानमंत्री से मुलाकात को उस नजरिए से भी जोड़ा जा रहा है।

वह समाज के लोगों को कितना प्रतिनिधित्व दिला पाएंगे, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन इतना जरूर है कि उन्होंने प्रधानमंत्री से मिलकर समाज का संदेश जरूर दिया है। इस संबंध में ब्रजेश पाठक का कहना है कि प्रधानमंत्री से उनकी शिष्टाचार के तहत मुलाकात हुई है।

उनका मार्गदर्शन हासिल किया है। उन्होंने बहुमूल्य समय देने के लिए प्रधानमंत्री का आभार भी जताया। यह भी बताया कि चार जनवरी को वाराणसी में नेशनल वॉलीबॉल चैंपियनशिप होनी है। उनके साथ मौजूद वाराणसी के महापौर अशोक तिवारी ने प्रधानमंत्री को चैंपियनशिप का निमंत्रण दिया है।

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