झारखंड उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई की। अदालत ने चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में उन्हें जमानत दे दी है। लेकिन राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष को जेल में ही रहना होगा क्योंकि दुमका कोषागार मामला अभी लंबित है।

बता दें कि रांची की सीबीआई अदालत ने चारा घोटाले से संबंधित चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में उन्हें पांच साल की सजा सुनाई है। अपनी जमानत याचिका में लालू यादव ने कहा था कि उन्होंने इस मामले में अपनी आधी सजा काट ली है। इस आधार पर उन्हें जमानत दी जानी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने अपनी बीमारी का भी हलावा दिया था।
इससे पहले 11 सितंबर को सुनवाई के दौरान सीबीआई ने जमानत का विरोध किया था। सीबीआई ने जवाब दाखिल करते हुए कहा था कि लालू को चार मामले में सजा सुनाई गई है। सभी मामलों की सजा अलग-अलग चल रही है। जब तक संबंधित अदालत सभी सजा एक साथ चलने का आदेश नहीं दे देती, तब तक सजा अलग-अलग ही चलेंगी। सभी मामलों में आधी सजा काटने के बाद उन्हें जमानत मिल सकती है।
वहीं मंगलवार को राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव भोला यादव रिम्स में इलाज करवा रहे लालू यादव से मुलाकात करने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने इसके लिए जेल प्रशासन से विशेष अनुमति ली थी। बताया जा रहा है कि वे सिंबल पर लालू के हस्ताक्षर लेने के लिए गए थे। इसके बाद वे बिना किसी से बात किए रिम्स से निकल गए। इसे लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के मुख्य प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने बुधवार को साफ किया कि लालू प्रसाद यादव कहां रहेंगे, कहां नहीं, इसका फैसला उनकी पार्टी नहीं करती है बल्कि इसका फैसला जेल प्रशासन एवं रिम्स प्रबंधन करेगा।
बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे राष्ट्रीय जनता दल से एक भी सीट न पाने के बाद झामुमो के बिहार में अकेले ही चुनाव मैदान में उतरने के फैसले से उपजी परिस्थितियों में रांची में रिम्स निदेशक के बंगले में इलाजरत लालू प्रसाद को मिली तमाम छूट वापस लिए जाने के कयासों के बीच बुधवार को भट्टाचार्य ने यह स्पष्टीकरण दिया।
भट्टाचार्य से जब यहां एक संवाददाता सम्मेलन में भाजपा की इस टिप्पणी पर की ‘इतनी मेहमाननवाजी काम नहीं आई,’ सवाल किया गया तब उन्होंने कहा, ‘भाजपा को अपनी सेहत की चिंता करनी चाहिए। लालू जी कहां रहेंगे, कहां नहीं, इसका फैसला झामुमो नहीं करेगा।
इसका फैसला जेल प्रशासन और रिम्स प्रबंधन करेगा।’ भाजपा ने बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में कोई सीट न मिलने पर झामुमो पर तंज कसा कि ‘इतनी मेहमाननवाजी’ काम न आई।’ उसने आरोप लगाया कि बिहार का महागठबंधन एक बार फिर से ठगबंधन ही साबित हुआ है।
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