सबसे पहले सफल कोरोना वैक्सीन बनाने का दावा करने वाला रूस अब दुनिया का भरोसा जीत सकता है. रूस ने वैक्सीन की जांच के लिए अब 40 हजार लोगों पर ट्रायल का फैसला किया है. ये ट्रायल अगले हफ्ते से शुरू हो जाएगा. इससे पहले Fontanka न्यूज एजेंसी ने दावा किया था कि सिर्फ 38 लोगों पर जांच के बाद रूस ने अपनी वैक्सीन को मंजूरी दे दी थी.
बिना फेज-3 ट्रायल के कोरोना वायरस वैक्सीन लॉन्च करने पर दुनिया भर के एक्सपर्ट्स ने रूस की आलोचना की थी. रूस लगातार ये दावा करता रहा है कि Sputnik V नाम की कोरोना वैक्सीन सुरक्षित है और तमाम जांच से गुजर चुकी है.
रूसी वैक्सीन तैयार करने वाले मॉस्को के गैमलेया इंस्टीट्यूट के एक अधिकारी ने कहा है कि देश के 45 स्वास्थ्य केंद्रों पर 40 हजार लोगों को टेस्टिंग के लिए वैक्सीन की खुराक दी जाएंगी. रूसी वैक्सीन को फंड देने वाली संस्था रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) के प्रमुख किरिल दमित्रीव ने कहा है कि कई देश रूसी वैक्सीन के खिलाफ सूचना युद्ध चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि वैक्सीन का डेटा इसी महीने प्रकाशित कर दिया जाएगा.
किरिल दमित्रीव का ये भी कहना है कि रूसी वैक्सीन के ट्रायल का डेटा WHO और उन देशों को दिया जा रहा है जो फेज-3 ट्रायल में हिस्सा लेना चाहते हैं. बता दें कि रूस ने अपने देश में उपयोग के लिए वैक्सीन को पहले ही मंजूरी दे दी है, लेकिन ज्यादातर अन्य देश और WHO ने अभी वैक्सीन को मंजूरी नहीं दी है.
किरिल दमित्रीव ने कहा है कि मंजूरी मिलने की वजह से अब रूस में मेडिकल वर्कर्स और हाई रिस्क ग्रुप के लोगों को खुराक दी जा सकती है. उन्होंने कहा कि ये प्रक्रिया लोगों के वॉलंटियर करने के आधार पर ही होगी.