कोरोना संकट की वजह से ज्यादातर काम वर्चुअल स्तर पर किए जा रहे हैं, ऐसे में कोर्ट में भी इन दिनों वर्चुअल स्तर पर ही सुनवाई हो रही है. इसी वर्चुअल स्तर पर राजस्थान हाई कोर्ट में एक सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन हुक्का पीते हुए पाए गए.
यह घटना गुरुवार को हुई जब राजस्थान हाई कोर्ट की जयपुर बेंच ने कांग्रेस के साथ बसपा के छह विधायकों के विलय को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई फिर से शुरू कर दी.
सोशल मीडिया में वायरल हुए वीडियो क्लिप में वरिष्ठ वकील राजीव धवन, एक अन्य वकील कपिल सिब्बल के साथ जिरह करने के दौरान अपने चेहरे के सामने कागज का एक सेट पकड़े हुए दिख रहे हैं.
हालांकि इस दस्तावेज से वरिष्ठ वकील धवन का चेहरा छिपा हुआ है और वायरल वीडियो क्लिप में धुएं के छल्ले निकलते दिखाई दे रहे हैं.
वरिष्ठ वकील अपने पेपर्स के सेट को अलग रख देते हैं लेकिन जैसे ही वह अपने दस्तावेजों से थोड़ा हिलते हैं, सुनवाई के दौरान राजीव धवन हुक्का पीते हुए दिखाई दे जाते हैं.
यह अभी स्पष्ट नहीं है कि वर्चुअल सुनवाई के दौरान वकील की ओर से धूम्रपान की घटना को राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा नोटिस किया गया है या नहीं.
शुक्रवार को सुनवाई फिर से शुरू होने पर जब वरिष्ठ वकील राजीव धवन का वीडियो अचानक बंद हो गया तो इस पर राजस्थान हाई कोर्ट ने पूछा कि क्या उनके द्वारा वीडियो को बंद कर दिया गया है.
कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन के बाद अदालतों को सुनवाई के लिए ऑनलाइन माध्यम पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि सुनवाई के दौरान ‘न्यूनतम अदालती शिष्टाचार’ का स्वतः पालन किया जाना चाहिए.
जून में, सुप्रीम कोर्ट में वर्चुअल सुनवाई के दौरान एक वकील बिस्तर पर लेटे और टी-शर्ट पहने दिखाई दिया जिसके बाद कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान पेश होने वाले वकीलों को शिष्टाचार के साथ पेश होने और अनुचित चीजों को दिखाने से बचने की बात कही थी.
सुप्रीम कोर्ट ने 15 जून के अपने आदेश में उल्लेख किया, ‘यह कोर्ट का विचार है कि जब वकील वर्चुअल सुनवाई करते हुए दिखाई देते हैं, तो उन्हें प्रजेंटेबल होना चाहिए और ऐसी चीजें दिखाने से बचना चाहिए जो सही नहीं हो.