मनोज सिन्हा ने जम्मू कश्मीर में उपराज्यपाल का पद संभाला ही था तो सब अनुमान लगा रहे थे कि बड़े फैसले होंगे. ऐसे में पहला बड़ा फैसला आ गया है. गृहमंत्रालय केंद्रीय सुरक्षा बलों की सौ कंपनियां घाटी से वापस बुला रहा है. इसका मतलब ये है कि करीब दस हज़ार जवान जम्मू कश्मीर से कम किए जाएंगे.
इससे पहले मई महीने में 10 कंपनियां हटाई गई थीं. इसी महीने घाटी से धारा 370 के खात्मे को एक साल पूरा हुआ है. कश्मीर के वरिष्ठ पत्रकार अल्ताफ हुसैन बता रहे हैं कि ये फैसला कितना फ़र्क़ पैदा करता है.
अब केंद्र सरकार की नौकरियां पाने का रास्ता ज़रा सा बदलने जा रहा है. कैबिनेट समिति ने भर्ती के प्रोसेस को सरल करने के लिए एकीकृत नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी यानि एनआरए की स्थापना कर दी है. ये एजेंसी क्या करेगी? ये केंद्र की नौकरियां की भर्तियों के लिए एक ही प्रारंभिक पात्रता परीक्षा कंडक्ट कराएगी. नाम होगा इसका- कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट यानी सीईटी. अभी क्या होता है कि अलग अलग परीक्षाओं के अलग अलग एक्ज़ाम होते थे पर अब ऐसा नहीं होगा.
सरकार का लॉजिक इसमें ये है कि इससे भर्ती प्रक्रिया आसान होगी लेकिन कई लोग ट्रांसपरेंसी का सवाल उठा रहे हैं. एनआरए का विरोध कर रहे समूह से जुड़े गोविंद मिश्रा विस्तार से अपना पक्ष रख रहे हैं.
आनेवाले दिनों में आप भारत के ई-फार्मेसी मार्केट में कई बदलाव देखने वाले हैं. ई फार्मेसी मार्केट का मतलब हुआ ऑनलाइन दवा बाजार. रिलायंस का एलान है कि उसने ऑनलाइन फार्मेसी कंपनी नेटमेड्स में 620 करोड़ रुपये का निवेश किया है. उधर एमेजॉन ने बेंगलुरु से ई-फार्मेसी कारोबार शुरू कर दिया है. न्यूज़ ये भी है कि फ्लिपकार्ट भी इस मार्केट में एंट्री के रास्ते खोज रहा है. अब इतने बड़े बड़े दिग्गज अगर आस्तीनें चढ़ा रहे हैं तो साफ है कि कंपटीशन तगड़ा होगा.
अब सवाल ये है कि इन प्लेयर्स के आने के बाद उस दुकान वाले का क्या होगा जो आपके घर के पास दवाई बेचता है. मेडिसिन मैन डॉट नेट के फाउंडर और फार्मा कंपनियों पर तीन दशकों से करीबी नज़र रख रहे अनूप इस ख़बर के विस्तार में जा रहे हैं.