8,500 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज में डूबी जेट एयरवेज को खरीदने के लिए अभी तक उसके संभावित खरीदारों ने भी कोई खास रुचि नहीं दिखाई है. इससे इसके दिवालिया होने की आशंका बढ़ गई है. एयरलाइंस काे अपना कामकाज गत 17 अप्रैल को बंद करने पर मजबूर होना पड़ा था.खस्ताहाल जेट एयरवेज को खरीदने के लिए अभी तक उसके संभावित खरीदारों ने भी कोई खास रुचि नहीं दिखाई है.
इससे इस बात की आशंका बढ़ गई है कि कंपनी को दिवालिया प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा. इस बीच जेट एयरवेज के लिये बोली लगाने की योजना बना रहे कर्मचारी समूह के प्रतिनिधियों ने गुरुवार को एसबीआई कैपिटल मार्केट के अधिकारियों के साथ बैठक की और बोली प्रक्रिया से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की.
कर्मचारियों की दो यूनियनों ने बयान में यह जानकारी दी. कर्मचारी समूह के संकटग्रस्त एयरलाइन को अपने नियंत्रण में लेने के प्रस्ताव के दो दिन बाद यह बैठक हुई है. समूह ने बोली के लिये बाहरी निवेशकों से कम-से-कम 3,000 करोड़ रुपये की उम्मीद के साथ यह प्रस्ताव किया है.
गौरतलब है कि कभी देश के सबसे बड़े निजी एयरलाइंस रहे जेट को अपना कामकाज गत 17 अप्रैल को बंद करने पर मजबूर होना पड़ा था. कर्जदारों ने कंपनी को और कर्ज देने से मना कर दिया था.
न्यूज एजेंसी रायटर्स के मुताबिक, ‘कुछ सूत्रों ने बताया है कि जिन कंपनियों ने शुरुआती दौर में रुचि दिखाई थी, वे अब इस पर आगे कोई बात नहीं करना चाह रहे.’ पिछले महीने भारतीय स्टेट बैंक ने यह संकेत दिया था कि 30 अप्रैल तक मामला निपटा लिया जाएगा, लेकिन अब ऐसा लगता नहीं कि 10 मई से पहले बिडर्स की तरफ से कुछ सामने आएगा.
बयान के अनुसार मुंबई में हुई बैठक में एसबीआई कैपिटल के अधिकारियों ने बोली की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी. बोली फिलहाल जारी है.
सोसाइटी फार वेलफेयर आफ इंडियन पायलट्स (एसडब्ल्यूआईपी) तथा जेट एयरक्राफ्ट मेनटेनेन्स इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन (जेएएमईवीए) ने एक बयान में कहा है, ‘ एसबीआई कैपिटल की टीम ने कहा कि कर्जदाता स्थिति की समीक्षा कर सकते हैं और बोली प्रक्रिया पूरी होने तथा संतोषजनक समाधान नहीं निकलने पर किसी अन्य विकल्प या प्रस्ताव पर विचार कर सकते हैं. इसमें कर्मचारियों के मालिकाना हक का प्रस्ताव शामिल है.’
एसबीआई कैपिटल कर्ज में डूबी जेट एयरवेज के लिये बोली प्रक्रिया का प्रबंधन कर रही है. नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने फिलहाल परिचालन बंद कर दिया है.
8500 करोड़ से ज्यादा कर्ज
गौरतलब है कि फिलहाल जेट एयरवेज 8,500 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज में डूबी हुई है. इस वजह से जेट एयरवेज के पायलटों सहित अन्य कर्मचारियों को कई महीनों से सैलरी नहीं रही है. कंपनी में करीब 22,000 कर्मचारी हैं. इनमें करीब 16,000 कर्मचारी कंपनी के पेरोल पर हैं और 6 हजार अनुबंध पर हैं.
जेट एयरवेज की बोली लगाने के लिए मुख्य तौर पर 4 फर्म ने शुरुआती दौर में चार रुचि दिखाई थी-एतिहाद एयरवेज, राष्ट्रीय निवेश कोष, निजी क्षेत्र के टीपीजी कैपिटल और इंडिगो है. ब्रिटेन के युवा कारोबारी जेसन अंसवर्थ ने भी जेट एयरवेज को नियंत्रण में लेने की इच्छा जाहिर की थी.