यूको बैंक के लॉकर से करोड़ों उड़ाने वाले गिरोह के एक भी बदमाश पुलिस के हाथ नहीं आ सके हैं। हालांकि पुलिस ने कई बिचौलियों को गिरफ्तार कर लिया है जिन्होंने बदमाशों की मदद की थी। जब तक लॉकर के असली लुटेरे पुलिस के हाथ नहीं आते लाखों के गहने और कैश बरामद होना मुश्किल है। पुलिस टीमें पश्चिम बंगाल और झारखंड में छापामारी कर रही हैं।
पुलिस ने भीषण चोरी का मास्टर माइंड माने जा रहे हसन चिकना के एक और गुर्गे को दबोच लिया गया है। इलाहाबाद और झारखंड पुलिस ने आशु नामक इस संदिग्ध को बरहरवा रेलवे स्टेशन के पास से पकड़ा। कहा जा रहा है कि बिहार के पूर्णिया स्थित यूको बैंक की चोरी में भी उसका हाथ था। ऐसे में इलाहाबाद और बिहार की पुलिस उससे कड़ाई से पूछताछ कर रही है। आशु चिकना का गुर्गा बताया जा रहा है और वह भी बैंक चोरी के मामले में वांछित चल रहा था।
चिकना के अलावा उसके भांजे कल्लू और उसकी पत्नी की भी तलाश चल रही है। कल्लू भी साहेबगंज जिले का रहने वाला है। पूर्णिया और इलाहाबाद स्थित यूको बैंक में एक ही रात चोरी के बाद कल्लू अपनी पत्नी को लेकर फरार हो गया। कल्लू का एक रिश्तेदार पश्चिम बंगाल में रहता है। वहां भी पुलिस ने छापेमारी की, लेकिन कुछ खास जानकारी नहीं मिल सकी। पुलिस को पता चला है कि कल्लू और उसकी पत्नी दोनों ही काफी शातिर हैं। चोरी का सोना, जेवरात व पैसे को ठिकाने लगाने के काम में कल्लू की अहम भूमिका रहती है। ऐसे में दोनों की सरगर्मी से तलाश चल रही है। चिकना गैंग के टर्की, जाकिर, लवरेज जोंका, कृष्णा रविदास की गिरफ्तारी के लिए सोमवार रात से लेकर मंगलवार दोपहर तक पुलिस ने कई संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी की, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। हालांकि कुछ करीबियों को जरूर उठाकर पूछताछ की जा रही है। गैंग के अधिकांश गुर्गो ने मोबाइल का उपयोग करना भी छोड़ दिया है। इससे पुलिस की परेशानी बढ़ी हुई है।