तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले के तिरुकोविलुर के पास अथनदामारुथुर गांव के निवासी 29 वर्ष के शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस शख्स ने अपनी 17 दिन की बेटी को जिंदा दफन कर दिया था। पुलिस के मुताबिक, बच्ची को मारने की यह उसकी दूसरी कोशिश थी। इससे पहले जब बच्ची तीन दिन की थी तब भी उसने बच्ची को मारने की कोशिश की थी, लेकिन रिश्तेदारों ने रोक लिया। आरोपी का नाम डी वरदराजन है जो वदामारुथुर गांव में किसानी करता है।
उसने 15 महीने पूर्व पास के गांव की सौंदर्या से शादी की थी। इसके बाद से वह अथनदामारुथुर स्थित अपने खेत में रहकर गुजारा कर रहे थे। 17 जिन पूर्व पुड्डुचेरी के जिपमर अस्पताल में जब सौंदर्या ने एक बेटी को जन्म दिया तो वरदराजन इससे नाराज़ हो गया। मंगलवार सुबह 12.30 जब सौंदर्या बच्ची को दूध पिलाने के बाद सो गई, तो वरदराजन बच्ची को लेकर खेनपन्नाई के तलहटी में पहुंचा । यह जगह उसके घर से 500 मीटर दूर स्थित है। यहां उसने एक गड्ढा खोदा और बच्ची को जिंदा दफन कर दिया। सुबह के चार बजे जब सौंदर्या की नींद खुली तो वह बेटी को न पाकर हैरान हो गई। वह सहायता के लिए चिल्लाने लगी।
वरदराजन ने जब अपना अपराध क़ुबूल किया, तो उनके रिश्तेदारों और गांव वालों ने तिरुकोविलूर पुलिस को सूचना दी। बच्ची के शव को पुलिस के सामने बाहर निकाला गया। आरोपी ने पुलिस को कहा कि उसे पूरा भरोसा था कि उसका बेटा ही होगा। वरदराजन ने अपनी पत्नी और रिश्तेदारों से कहा था कि अगर उसके यहां बेटी ने जन्म लिया तो वह उसको अपने साथ नहीं रखेगा। किन्तु परिवार उसके खिलाफ हो गया। आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 315 और 498ए के तहत केस दर्ज किया गया है। मामले में जांच चल रही है।