बिहार में ब्रेथ एनालाइजर में फूंक मारते ही अगर आपके शरीर में अल्कोहल मिला तो आपका फोटो भी सहेजना सरकार के लिए संभव होगा। बाद के दिनों में फिर से पकड़ में आने में सरकार यह जान सकेगी कि अमुक व्यक्ति इससे पहले कितनी बार इस तरह पकड़ा गया है। शराबबंदी पर कड़ाई की रणनीति के मद्देनजर ब्रेथ एनालाइजर को ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से जोड़ने की कवायद अगर रंग लाती है तो यह आसान हो जाएगा।

पिछले दिनों चार कंपनियों ने इन तकनीकों का प्रजेंटेशन उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के अधिकारियों के सामने किया। ज्ञानम, वर्टेल, टेलियर और ग्रोवर इंफोमीडिया प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनियों ने ब्रेथ एनालाइजर की ऑनलाइन तकनीक से जुड़े सॉफ्टवेयर का प्रदर्शन किया। उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की ओर से डैशबोर्ड का निर्माण किया जा रहा है। ब्रेथ एनालाइजर में फूंक मारते ही पूरी रिपोर्ट विभाग के ऑनलाइन डैशबोर्ड पर स्टोर हो जाएगी।
अगर ब्रेथ एनालाइजर के पास वाले इलाके में इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं होती है तो नेटवर्क में आने के बाद रिपोर्ट डैशबोर्ड पर जाएगी। सरकार ऐसे 500 ब्रेथ एनालाइजर खऱीदने की तैयारी कर रही है। कंपनियों की ओर से औसत लागत इस तरह के एक ब्रेथ एनालाइजर की 50 हजार रुपए के आस-पास बताई गई है।
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