आयकर विभाग ने बिटकॉइन के निवेश और व्यापार को लेकर अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है। वह 4 से 5 लाख बहुत ज्यादा संपत्ति वाले व्यक्तियों (एचएनआई) को नोटिस जारी करेगा। ये लोग इस वर्चुअल करेंसी के एक्सचेंजों के जरिए कारोबार कर रहे थे। कर चोरी के मामले पकड़ने के लिए विभाग ने पिछले हफ्ते इसका व्यापार करने वाले नौ एक्सचेंज पर छापा मारा था।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, छापेमारी में पता चला कि इन एक्सचेंजों में 20 लाख इकाइयां पंजीकृत हैं। इनमें से 4 से 5 लाख सक्रिय हैं और ये कारोबार तथा निवेश में लगे हुए हैं। विभाग की बंगलूरू स्थित जांच शाखा ने निजी और कंपनियों की जानकारी देशभर में फैले आठ अन्य शाखाओं को विस्तृत जांच के लिए भेजी है।
अभियान से वाकिफ एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कर चोरी के आरोपों के तहत इनकी जांच की जा रही है। इन्हें नोटिस जारी किया जाएगा और बिटकॉइन के निवेश और व्यापार पर पूंजीगत लाभ का भुगतान करना होगा। देश में मौजूदा समय में बिटकॉइन या अन्य वर्चुअल करेंसी अवैध और अविनियमित है। इसके चलते आयकर विभाग मौजूदा प्रावधानों के तहत कार्रवाई करेगा।
यहां हुई थी छापेमारी
दिल्ली, गुरुग्राम, हापुड़, बंगलूरू, हैदराबाद और कोच्चि समेत नौ बिटकॉइन एक्सचेंज परिसरों पर आयकर विभाग ने छापा मारा था और यहां से अहम दस्तावेज एकत्र किए थे।
20 हजार डॉलर के करीब पहुंचा एक बिटकॉइन
ऑनलाइन बाजार में सोमवार को बिटकॉइन 19862 डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई तक जा पहुंचा। दिसंबर माह में इसकी कीमतों में करीब 10,000 डॉलर का उछाल आ चुका है। भारतीय मुद्रा में बिटकॉइन का भाव इस माह करीब 6.50 लाख रुपये बढ़ चुका है। भारतीय मुद्रा में एक बिटकॉइन की कीमत 13 लाख रुपये के करीब पहुंच गई है।
सरकार के पास नहीं डाटा
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पी. राधाकृष्णन ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि सरकार बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी से संबंधित कोई डाटा नहीं रखती है। भारत और विश्व में वर्चुअल करेंसी की वर्तमान स्थिति की पता लगाने के लिए आर्थिक मामलों के विभाग ने एक समिति का गठन किया था। इसने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। बिटकॉइन के बढ़ते प्रयोग और इससे संबंधित शिकायतों पर उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक समय-समय पर वर्चुअल करेंसी का प्रयोग करने, इसका बिजनेस करने वाले को चेतावनी जारी करता रहता है।