गुजरात चुनाव के ऐलान के बाद भाजपा और कांग्रेस के बीच रणनीति को लेकर तू डाल-डाल, मैं पात-पात का खेल शुरू हो गया है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस को रणनीतिक मात देने के लिए राहुल गांधी की रैली के बाद सूरत जाने का कार्यक्रम बनाया है। शाह अब 7 नवंबर को सूरत में रैली करेंगे।
शाह का कार्यक्रम पहले सूरत में 2 नवंबर का तय था, लेकिन सूत्र बताते हैं कि राहुल की रैली के मद्देनजर शाह ने अपनी रणनीति बदली है। अब उन्होंने राहुल की रैली के बाद सूरत जाने का निर्णय लिया है, ताकि राहुल की रैली के असर को वे अपने प्रभाव से बेअसर कर सकें।
कांग्रेस ने 3 नवंबर को सूरत में राहुल गांधी की रैली का आयोजन रखा है। वोटरों को रिझाने की कवायद में राहुल गांधी यहां रोड शो भी कर सकते हैं। मालूम हो कि यहां पहले चरण में 9 दिसंबर को मतदान होना है।
यही नहीं नोटबंदी के कदम से भी उनके धंधे पर असर हुआ है। इसके अलावा नवसारी सांसद सीआर पाटिल के संग व्यक्तिगत नाराजगी की वजह से परप्रांति लोग भी यहां भाजपा से नाराज बताए जा रहे हैं। खासतौर से राजस्थान के मारवाड़ी समुदाय में रोष है। यहां पटेलों का भी असर माना जाता है। यही वजह है कि कांग्रेस को सूरत में उम्मीद की किरण नजर आ रही है।
सूरत के नीचे दक्षिण गुजरात के अन्य इलाकों में आदिवासियों के जरिए कांग्रेस अपना सपना बुन रही है। जदयू विधायक छोटू भाई वसावा से पार्टी ने गठजोड़ किया है। पहले से मनसुख वसावा के रूप में कांग्रेस के पास आदिवासी समाज का बड़ा चेहरा है। यही वजह है कि सूरत की रैली के जरिए राहुल एक तीर से कई निशाना साधना चाह रहे हैं।
रैली में खोल सकते हैं राहुल पटेल आरक्षण पर पत्ते
कांग्रेस सूत्रों की मानें तो 3 नवंबर को सूरत में होने वाली रैली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पटेल आरक्षण पर अपने पत्ते सार्वजनिक कर सकते हैं। हार्दिक पटेल ने 3 नवंबर तक का उन्हें अल्टीमेटम दिया हुआ है। खुद हार्दिक ने भी कहा है कि उनकी 5 मांगों में से 4 मांगों को कांग्रेस ने स्वीकारने के संकेत दिए हैं। सूरत में पटेलों का साथ पाने के लिए राहुल पटेल आरक्षण पर अपने पत्ते यहां खोल सकते हैं। इसके अलावा वे नोटबंदी और जीएसटी के कदम का मुखर विरोध कर भाजपा के पारंपरिक समर्थक कहे जाने वाले व्यापारी समुदाय की सहानभूति बटोरने का प्रयास करेंगे।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal