महात्मा गांधी अपने जीवन में कई बार जेल गये लेकिन उन्होंने देश की आज़ादी के लिये संघर्ष करना कभी नही छोड़ा। उनसे सभी को ये सीखना चाहिए कि अपने लक्ष्य को पाने के लिये लगातार संघर्ष करते रहना चाहिये।
अक्सर लोगों को परखने और समझने के लिए लोग एक-दूसरे की सोच का चश्मा अपनी आंखों पर चढ़ा लेते हैं। ऐसे में हम उस व्यक्ति के बारे में खुद क्या सोचते है इस बात से कोसो दूर हो जाते है, जो कि हमें सही निर्णय नहीं लेने देता।ऐसे में हमें कोशिश करनी चाहिए कि बाहरी आवाजो को अनसुना कर के अपनी अंतरआत्मा की आवाज़ को सुने।
गांधीजी कहते थे कि हम अपने वांछित गुणों को दूसरो में देखने की कोशिश करते है। असल में हम सभी अंदर से बहुत सुन्दर और अद्भुत है। हमें सभी से प्यार और दया की भावना रखनी चाहिये। ऐसा करने से ही हमारे जीवन में अद्भुत बदलाव आयेंगा। यदि हमें दुनिया में प्यार और दया देखनी है तो पहले हमें अपने आप को प्यार और दया से भरना होगा।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी हमेशा ही नई तालीम को जानने और उसे अपनाने के समर्थन में रहे। इसी बल पर उन्होंने आजादी की लड़ाई में सफलता हासिल की।