बदरीनाथ(चमोली): बदरीनाथ धाम के कपाट बंद करने के क्रम में चल रही पंचपूजाओं के तहत शुक्रवार को खड्ग पुस्तक (समस्त वेद-पुराण) व मां सरस्वती की पूजा-अर्चना संपन्न हुई। इसके बाद खड्ग पुस्तक को बंद कर दिया गया। लिहाजा कपाट बंद होने तक बिना पुस्तकों के ही बदरीनाथ धाम में पूजा-अर्चना संपन्न होगी।
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को बंद होने हैं। कपाट बंद होने से पहले धाम में पंचपूजाओं की परंपरा है। शुक्रवार को पंचपूजाओं के तहत सबसे पहले बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने मां सरस्वती के अलावा खड्ग पुस्तक की पूजा-अर्चना की।
इसके बाद वेदपाठियों, मंदिर समिति के कर्मचारियों व श्रद्धालुओं ने खड्ग पुस्तक पूजा में भाग लिया। पूजा संपन्न होने के बाद खड्ग पुस्तक को शीतकाल के लिए भंडार गृह में विराजमान कर दिया गया। अब बिना पुस्तकों के ही कपाट बंद होने तक धर्माचार्य पूजा संपन्न करेंगे। शीतकाल के बाद कपाट खुलने पर खड्ग पुस्तक को भंडार गृह से निकाला जाएगा।
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