चालू वित्तीय वर्ष यानी 2016-17 में आपके भविष्य निधि खाते पर कितना ब्याज दिया जाएगा, आज इस पर फैसला लिया जाना है। कहा जा रहा है कि प्रॉविडेंट फंड (ई.पी.एफ.) खातों पर संभवत: 8.8 फीसदी ब्याज दर को कायम रखा जाएगा।पिछले वित्त वर्ष 2015-16 में भी भविष्य निधि पर ई.पी.एफ.ओ. ने 8.8 फीसदी की दर से ब्याज दिया था। ई.पी.एफ.ओ. के अंशधारकों की संख्या 4 करोड़ से अधिक है।ई.पी.एफ.ओ. के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सी.बी.टी.) है। 8.8 फीसदी की ब्याज दर पर करीब 383 करोड़ रुपए का नुकसान होगा लेकिन ई.पी.एफ.ओ. 2015-16के दौरान 8.8 फीसदी ब्याज दर की वजह से सृजित 409 करोड़ रुपए के अधिशेष का इस्तेमाल करना चाहता है। इससे पहले वित्त मंत्रालय ने इसी साल 2015-16 के लिए ई.पी.एफ. पर ब्याज दर को घटाकर 8.7 फीसदी कर दिया था, जबकि श्रम मंत्री की अगुवाई वाली सी.बी.टी. ने 8.8 फीसदी ब्याज की मंजूरी दी थी। ट्रेड यूनियनों के विरोध के बाद सरकार ने अपना फैसला वापस ले लिया था और अंशधारकों को 8.8 फीसदी ब्याज देने को सहमति दे दी।
इसी के साथ बता दें कि प्रॉविडेंट फंड (पीएफ) के निष्क्रिय खातों में पड़े धन पर अब ब्याज मिलेगा लेकिन यह ब्याज केवल उन्हीं खातों पर मिलेगा जो 36 महीने या इससे भी पुराने हैं। 2011 से लेकर अब तक पीएफ के निष्क्रिय खातों पर ब्याज नहीं मिलता था। यदि 36 महीनों में किसी पीएफ खाते में कोई कंट्रीब्यूशन नहीं किया गया है तो उन्हें निष्क्रिय खातों की सूची में गिना जाता था। इसलिए यदि कोई कर्मी नौकरी छोड़ने के बाद पीएफ अकाऊंट में जमा पैसे 36 महीनों तक न तो विदड्रॉ करवाता था और न ही ट्रांसफर करवाता था तो उसका खाता निष्क्रिय मान लिया जाता था और इस पर कोई ब्याज नहीं मिलता था।