हिसार। जिला अतिरिक्त एवं सत्र न्यायाधीश डा. पंकज की अदालत ने साढ़े पांच साल की बच्ची से दुष्कर्म का प्रयास करने वाले दोषी अग्रोहा निवासी मोहन उर्फ मोनू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उस पर दो लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है। इसमें से डेढ़ लाख रुपये बतौर मुआवजा पीडि़त को दिया जाएगा।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक अग्रोहा थाना में 13 अक्टूबर 2016 को मोहन उर्फ मोनू के खिलाफ धारा 376-511, 4 पोक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था। एक कस्बे की रहने वाली महिला ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसका पति और वह एक अस्पताल में काम करते हैं। 13 अक्टूबर शाम करीब साढ़े चार बजे उसने साढ़े पांच वर्षीय बेटी को रात का बचा खाना देकर दिलबाग के घर भैंसों को खिलाकर आने के लिए भेजा था।
महिला ने बताया कि उस दौरान दिलबाग का बेटा मोहन उर्फ मोनू घर पर अकेला था। वह बेटी को बहला-फुसलाकर अपने साथ कमरे के अंदर ले गया था। वहां उसके साथ गलत काम करने लगा था। काफी देर तक बेटी नहीं लौटी थी तो उसे देखने के लिए पड़ोसी के घर गई थी। महिला वहां गई तो पड़ोसी के घर का दरवाजा खुला हुआ था। कमरे के अंदर जाकर देखा तो मोहन उसकी बेटी के साथ गलत काम करने कर रहा था। उसे देखकर वह मौके से फरार हो गया था। पुलिस ने महिला की शिकायत पर उसके खिलाफ नाबालिग से दुष्कर्म करने के प्रयास का केस दर्ज करके गिरफ्तार कर लिया था।
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