तनाव एक मानसिक समस्या है, जिससे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। लेकिन हाल में हुए एक शोध के मुताबिक बचपन में हुआ तनाव दिमाग को जल्दी परिपक्व बनाता है। ये शोध राडबौड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है, जिसे साइंटिफिक रिपोर्ट्स पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।
शोधकर्ताओं ने दो तरह के तनाव को अध्ययन किया। पहला वह तनाव जो जिंदगी में नकारात्मक घटनाओं के घटित होने से आता है और दूसरा वह तनाव जो समाज में हुई नकारात्मक घटनाओं के घटित होने के बाद आता है। इन दोनों तनाव का 0-5 वर्ष की उम्र के बच्चों और 14-17 वर्ष की उम्र के किशोरों के दो वर्ग पर अध्ययन किया गया। इस शोध में पाया गया कि, तनाव का स्तर दिमाग के प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स, अमिगडाला और हिप्पोकैम्पस के परिपक्व होने से सीधा जुड़ा हुआ है। दिमाग के ये क्षेत्र किसी भी सामाजिक या भावनात्मक स्थिति पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए जिम्मेदार होते हैं।
इसके साथ ही इस शोध में देखा गया कि तनाव का उम्र में देर से आना परिपक्वता प्रक्रिया को भी धीरे बनाता है। एक रोचक बात ये भी सामने आई कि भारी तनाव से व्यक्ति में असामाजिक व्यक्तित्व के लक्षण भी आने लगते हैं।
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