UPSC की परीक्षा सबसे मुश्किल परीक्षा में से एक मानी जाती है. दिन-रात की मेहनत और खूब पढ़ाई करने के बाद छात्र प्री और मेंस परीक्षा तो पास तो कर लेते हैं, वहीं जब बारी आती है इंटरव्यू की तो उसमें दो तिहाई फेल हो जाते हैं. ऐसे ही उम्मीदवारों को ध्यान में रखते हुए UPSC नया नियम लाने की योजना बना रहा है. जहां इंटरव्यू में फेल हुए उम्मीदवारों को दूसरी सरकारी नौकरी दी जाएगी. आइए विस्तार से जानते हैं.
यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन ने केंद्रीय मंत्रालयों और एजेंसियों को सिविल सेवा परीक्षा के उन उम्मीदवारों की भर्ती करने की सिफारिश की है जो इंटरव्यू में सफल नहीं हो पाते हैं. अगर ऐसा होता है तो युवाओं के लिए बेहतर रोजगार के अवसर खोल सकता है.
यूपीएससी के अध्यक्ष अरविंद सक्सेना ने कहा, “हमने केंद्र सरकार और मंत्रालयों को ऐसे लोगों की भर्ती करने का प्रस्ताव दिया है, जो सिविल सेवा और अन्य परीक्षाओं में इंटरव्यू राउंड में फेल हो जाते हैं. ये बात उन्होंने हाल ही में ओडिशा में आयोजित राज्य लोक सेवा आयोग के 23वें सम्मेलन में कही थी.
अरविंद सक्सेना ने बताया 1 साल में करीब 11 लाख उम्मीदवार UPSC की परीक्षा में हिस्सा लेते हैं. फिर प्री, मेंस और इंटरव्यू की प्रक्रिया होने के बाद 600 उम्मीदवारों को चुना जाता है.
वहीं बड़ी संख्या में ऐसे उम्मीदवार भी जो वाइवा वॉइस के अंतिम चरण तक तो पहुंच जाते हैं, लेकिन रैंक लाने में असफल हो जाते हैं. सरकार और अन्य संगठन भर्ती के दौरान उन पर विचार कर सकते हैं क्योंकि वे पहले ही मुश्किल स्क्रीनिंग प्रक्रिया से गुजर चुके हैं और केवल अंतिम चरण में असफलता का मुंह देखना पड़ता है. वहीं अगर ऐसा होता है तो युवाओं में परीक्षा के तनाव को कम करने में मदद मिलेगी. साथ उनके मन में नौकरी को लेकर उम्मीद बनी रहेगी.
अरविंद सक्सेना ने कहा कि UPSC परीक्षा की प्रक्रिया को उम्मीदवार फ्रेंडली बनाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि आने वाली सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को जल्द ही अपने आवेदन फॉर्म को वापस लेने का ऑप्शन भी दिया जाएगा.
परीक्षा प्रक्रिया को उम्मीदवारों के लिए पारदर्शी बनाने के लिए UPSC कई उपाय भी कर रही है. “आयोग धीरे-धीरे कागज और पेंसिल-आधारित परीक्षाओं की बजाए कंप्यूटर आधारित परीक्षा (CBT) लाने की कोशिश कर रहा है.
उन्होंने कहा, जब उम्मीदवार परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन करेगा तो आवेदन के लिए एक (रजिस्ट्रेशन नंबर) जनरेट किया जाएगा. जिस स्तर पर उम्मीदवारों को ऑप्शन दिया जाएगा कि वह कि चाहे तो अपना आवेदन फॉर्म वापस ले सकते हैं. सक्सेना ने स्पष्ट करते हुए कहा कि यह पूरी तरह से स्वैच्छिक आधार पर किया जाएगा.