अधिकारी ने कहा कि कुछ खिलाड़ी बचपन से ही प्रचुर मात्रा में दूध पीते रहे हैं क्योंकि आम धारणा है कि दूध से आपको मजबूती मिलती है. इसके बाद उन्हें पता चलता है कि कड़े अभ्यास के बाद भी उनका शरीर वर्तमान में खेल की जरूरतों के हिसाब से खरा नहीं उतर पा रहा है. उन्होंने कहा कि जब परीक्षण शुरू किये गये तो कुछ खिलाड़ियों को पता चला कि वे लैक्टोज को नहीं पचा पाते हैं, जो दूध में मौजूद होता है या जो खिलाड़ी मटन बिरयानी खाने के शौकीन हैं उन्हें पता चला कि किसी खास प्रकार का भोजन करने के बाद उनका शरीर क्या मांगता है.

एक खिलाड़ी जिसकी मजबूती और दमखम में काफी सुधार हुआ वह तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार है जो वनडे और टी20 में लगातार खेल रहा है. चैंपियन्स ट्राफी शुरू होने के बाद भुवनेश्वर ने 19 वनडे और सात टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले और यह उनकी आनुवंशिक फिटनेस रिपोर्ट तैयार करने के बाद नये फिटनेस रूटीन के बाद ही संभव हो पाया. डीएनए टेस्ट शरीर की क्षमताओं का पता करने और यह जानने के लिए किया जाता है कि किसी खास खिलाड़ी के लिए किस तरह का खाना और कसरत अधिक प्रभावी होगा.