अभी कुछ समय पहले इराक के नसीरिया शहर में सुरक्षा बलों की कार्रवाई में 5 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई. जंहा बीते शनिवार देर रात शहर के प्रमुख पुलों से सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागने के साथ ही गोलियां भी चलाईं. वहीं इसमें 50 से ज्यादा प्रदर्शनकारी घायल भी हुए हैं. जंहा इराक के दक्षिणी हिस्से में नसीरिया के अलावा बसरा शहर में भी विरोध प्रदर्शन भयानक रूप ले चुका है. वहीं देश में गत 1 अक्टूबर 2019 से सरकार के खिलाफ शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान करीब 330 लोगों की मौत हो चुकी है. जंहा प्रदर्शनकारी गरीबी और घोर भ्रष्टाचार को लेकर वर्तमान सरकार को हटाने की मांग कर रहे हैं. नसीरिया में सुरक्षा बलों की कार्रवाई के बाद शिया समुदाय के पवित्र शहर कर्बला में बीते रविवार सुबह उग्र प्रदर्शन हुए. भड़के लोगों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों ने बल प्रयोग किया, जिसमें 24 लोग घायल हो गए.
सरकार विरोधी प्रदर्शन में उतरे हजारों इराकी: मिली जाकारी के मुताबिक पिछले दिनों भ्रष्टाचार, नौकरियों और सार्वजनिक सेवाओं की कमी को लेकर हजारों इराक के लोगों ने मध्य और दक्षिणी इराक में सरकार विरोधी प्रदर्शन किया. वहीं सिन्हुआ एजेंसी के मुताबिक बगदाद में पिछले 16 नवंबर को सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों द्वारा अल-खलानी स्क्वायर की ओर जाने वाली सड़कों पर प्रवेश से पहले कंक्रीट ब्लॉक की दीवार को हटा दिया, विशेष रूप से तहरीर स्क्वायर के पास. जंहा प्रदर्शनकारी पिछले कुछ दिनों से अल-खलानी स्क्वायर की ओर बढ़ने का प्रयास कर रहे है, यह उनके बार-बार किए गए प्रयासों का हिस्सा था. ताकि अल-खलानी स्क्वायर पर नियंत्रण कर सकें और पास में स्थित अल-बहार ब्रिज, जिसे सेनक ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है.
वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बात का पता चला है कि हालांकि, पुलिस ने बगदाद में प्रदर्शनकारियों को मख्य गढ़ रहे इलाके में तितर-बितर करने के लिए और उन्हें अल-खलानी स्क्वायर में प्रवेश से रोकने के लिए और उन्हें पास के तहरीर स्क्वायर में वापस धकेलने के लिए धुएं वाले ग्रेनेड, आंसू गैस के कनस्तरों और हवा में गोलियां चलाईं. दोनों पक्षों के बीच अल-खलानी की झड़प में दो लोगों की मौत हो गई और लगभग 100 अन्य लोग धुएं और आंसू गैस से घायल हो गए या दम तोड़ दिया.