नई दिल्ली अक्सर भगवान से हमारी शिकायत होती है कि वह हमारी सुनता नहीं है। हम प्रार्थना करते हैं लेकिन फिर भी कईं बार हमारी प्रार्थनाएं नजर अंदाज होती हैं। कई बार हम परेशानी में होते हैं और वह हमसे मुंह मोड़े बैठा रहता है।
तो आज हम आपको बता रहे हैं कि आपकी प्रार्थना असरदार और फलदायी कैसे बन सकती है….
तो आइये जानते हैं प्रार्थना के समय की जरुरी जानकारी-
1. प्रार्थना के समय आपका ध्यान कहाँ होना चाइये
हमेशा ऐसा ही होता है कि प्रार्थना के समय हमारा ध्यान कुछ चीजों की तरफ अटका होता है। हे भगवान मुझको नौकरी दिला दे और हे भगवान मुझको करोड़पति बना दे, प्रार्थना के समय भी आपका ध्यान प्रभु चरणों में होता ही नहीं है। तो जरुरी है कि आप अपने ध्यान को सही जगह लगायें।
2. मात्र धूपबत्ती जलाने से प्रभु की कृपा नहीं मिल सकती है
बोला गया है कि कलयुग में बिना नाम जपे, व्यक्ति का उद्धार नहीं हो सकता है। यहाँ नाम से मतलब मन्त्र से है। इसका अर्थ है कि बिना मन्त्र जाप के किसी भी व्यक्ति की प्रार्थना सफल नहीं हो सकती है। इसलिए आप अगरबत्ती जलाने के बाद मन्त्रों का जाप जरुर करें।
3. प्रार्थना में आत्मा का होना जरुरी है
मन व्यक्ति को भटकाता है और आत्मा व्यक्ति को सही रास्ता दिखाती है। मन बोलता है-अरे कुछ नहीं होगा तू किसी का बुराकर और अमीर बन, लेकिन आत्मा बोलती है कि नहीं मरने के बाद हिसाब देना होगा। तो याद रखें कि भगवान हमारी उसी प्रार्थना को सुनता है जो आत्मा से निकली होती है। इसलिए ध्यान दें कि प्रार्थना आत्मा से निकले।
4. तुम हमेशा कुछ न कुछ मांगते हो क्या
क्या आपने कभी अपनी प्रार्थना बिना कुछ मांगे की है। यदि की है तो यह बहुत ही उत्तम है और यदि नहीं की है तो भगवान भी जानता है कि तुम सिर्फ और सिर्फ मांगते हो। इसलिए आपकी प्रार्थना असरदार और फलदायी नहीं हो रही है। आप कभी ध्यान में बैठें और उस दिन कुछ भी ना मांगें। बस ध्यान करें। आपको आनन्द की प्राप्ति होगी।
5. दुःख में ही प्रार्थना ना करें
असली असरदार और फलदायी प्रार्थना तो सुख में ही हो सकती है। आप अगर मात्र दुःख आने पर भगवान को याद करते हैं तो आप स्वार्थी हैं और तब आपकी प्रार्थना असरदार नहीं हो सकती है। आप सुख में प्रार्थना करें और तब आप देखेंगे कि आपके पास दुःख नहीं आएगा।
. आपके कर्म सही होने चाहिए
आपको अगर असरदार और फलदायी प्रार्थना बनानी है तो इसके लिए आपके कर्म अच्छे होने चाहिए। आप किसी का दिल दुखाते हैं या आप चुगली-निंदा करते हैं तो आपकी प्रार्थना फलदायी नहीं हो सकती है। इसलिए अपने कर्म अच्छे बनायें।
7. भगवान के बच्चों की मदद करें
सबसे जरुरी और महत्वपूर्ण बात है कि क्या आप भगवान के बच्चों की भलाई और मदद करते हैं। यदि ऐसा है तो आपकी हर प्रार्थना जरूर सुनी जाएगी। आपको हर हालत में, अपनी हैसीयत के हिसाब से दूसरों की मदद करनी चाहिए।