देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण को अवमानना का नोटिस भेजा गया है. इसके पीछे एक खास वजह सामने आई है. प्राप्त मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बनाए जाने के खिलाफ ट्वीट किया है. इसे लेकर ही उन्हें सर्वोच्च अदालत द्वारा अवमानना का नोटिस भेजा गया है.

बताया जा रहा है कि भूषण ने अपने ट्वीट्स में कोर्ट में जारी सुनवाई पर टिप्पणी की थी. जानकारी की माने तो उन्हें यह नोटिस केंद्र सरकार और एटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल की तरफ से दायर की गई याचिकाओं के बाद भेजा है. दूसरी ओर अदालत के इस नोटस को प्रशांत भूषण ने स्वीकार भी कर लिया है और जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का वक्त फ़िलहाल उन्होंने मांगा है.
बता दें कि इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख़ 7 मार्च चुनी गई है. हाल ही में सीबीआई के अंतरिम निदेशक के तौर पर नागेश्वर राव की नियुक्ति को लेकर प्रशांत भूषण ने ट्वीट किये थे. जहां उन्होंने सोशल मीडिया पर एटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल की तरफ से कोर्ट में दायर किए गए जवाब को मनगढंत बताया था और इस दौरान आरोप लगाते हुए कहा था कि एजी कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं.
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