कुम्भ मेले के इतिहास में पहली बार श्रद्धालुओं को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा और वे गूगल नेविगेशन का उपयोग करके घाट, मंदिर, अखाड़े या किसी अन्य स्थान तक आसानी से पहुंच सकेंगे। अपर मेलाधिकारी (कुम्भ) विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि गूगल ने अपनी नीति में पहली बार बदलाव करते हुए महाकुम्भ मेला क्षेत्र को अपने सिस्टम में एकीकृत करने का निर्णय किया है।
महाकुंभ मेले में पहली बार गूगल नेविगेशन की सुविधा का इस्तेमाल
मिली जानकारी के मुताबिक, उन्होंने बताया कि गूगल और कुम्भ मेला प्राधिकरण के बीच इस सुविधा को लेकर एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया गया है, जिसके तहत गूगल महाकुम्भ के लिए विशेष नेविगेशन तैयार करेगी, जिसकी मदद से श्रद्धालु सभी स्थानों, अखाड़ों और यहां तक कि साधु संतों के शिविर का पता लगा सकेंगे। उन्होंने बताया कि यह विशेष नेविगेशन सुविधा इस महीने के अंत तक या दिसंबर की शुरुआत में प्रारंभ होने की संभावना है और इससे विदेश से आने वाले पर्यटक भी सहज ढंग से अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।
सड़कों, धार्मिक स्थलों, घाटों, अखाड़ों समेत प्रमुख संतों के स्थलों की जानकारी प्रदान करेगा गूगल
चतुर्वेदी ने कहा कि गूगल सामान्य तौर पर पूरी दुनिया के विभिन्न शहरों का नेविगेशन देता है, लेकिन पहली बार उसने किसी अस्थाई शहर (कुंभ मेला क्षेत्र) के लिए यह सुविधा प्रदान करने पर सहमति दी है। उन्होंने कहा कि गूगल यहां की प्रमुख सड़कों, धार्मिक स्थलों, घाटों, अखाड़ों समेत प्रमुख संतों के स्थलों की जानकारी प्रदान करेगा। सरल शब्दों में किसी स्थान पर ले जाने वाले रास्ते की विस्तृत जानकारी को कंप्यूटर या मोबाइल की भाषा में नेविगेशन या मार्गदर्शन कहा जाता है।
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