घोर यातना और पिटाई से पीडि़त महिला का दर्द देख डीआइजी कार्यालय में पुलिसवाले भी कांप उठे। उसे मुंह में कपड़ा ठूंसकर कई दिन तक पीटा गया था। मिट्टी का तेल डालकर जलाने की भी कोशिश की गई थी। चाकू और बेल्ट से भी वार किया गया था। इससे उसके हाथ में घाव हो गए। पिटाई से जख्मी महिला के भाई से फौरन तहरीर लिखाकर थाने भेजने के साथ ही ससुरालियों की गिरफ्तारी का आदेश दिया गया।
पुलिस की थर्ड डिग्री का टार्चर भी पीछे रह गया
झूंसी के नीबी कला गांव निवासी अंतिम त्रिपाठी का ब्याह प्रतापगढ़ के देल्हूपुर इलाके के दीपक पांडेय के साथ किया गया है। दीपक ट्रक चालक है। ससुराल वाले बेरहम निकले। अंतिमा को बात-बात पर बुरी तरह पीटा जाने लगा। मायके वालों ने कई बार समझाने का प्रयास किया लेकिन कोई असर नहीं हुआ। पिछले हफ्ते भर में तो अंतिमा को ऐसी यातना दी गई कि पुलिस की थर्ड डिग्री का टार्चर भी पीछे रह गया। उसे मुंह में कपड़े ठूंसकर पति और ननद लात, घूंसे से पीटते रहे। बेल्ट और चाकू से भी मारा गया जिससे उसके हाथ में घाव हो गए। खाना-पानी भी नहीं दिया जा रहा था।
ससुरालियों ने बेहोशी की हालत में घर के बाहर फेंक दिया
तीन रोज पहले उसे पीटकर बेहोशी की हालत में घर के बाहर फेंक दिया गया। पड़ोसी से खबर पाकर भाई राजन समेत कई रिश्तेदार प्रतापगढ़ पहुंचे और यहां लाकर इलाज कराया। दोपहर में राजन बहन अंतिमा को लेकर डीआइजी कार्यालय आया। गाड़ी से उतारकर वह अंतिमा को अंदर ले जाने लगा तो पुलिसवालों की नजर पड़ी। दर्द से कराहती अंतिमा पर ढाए जुल्म के बारे में सुनकर पुलिस कर्मी भी सिहर उठे। राजन को तहरीर लिखने में सहयोग किया गया। साथ ही झूंसी और देल्हपुर पुलिस को निर्देश दिया गया कि मुकदमा लिखकर ससुरालियों की जल्द गिरफ्तारी की जाए।
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