बिग बॉस सीज़न 13 के शो में सबसे मशहूर चेहरों में से एक होने के नाते, पारस छाबड़ा स्पष्ट रूप से ट्रॉफी जीतने के योग्य प्रतियोगी हैं। यहाँ हम 5 रीज़नस बताते हैं कि क्यों वह एक सही विकल्प है:
1) मैन ऑफ द वर्ड्स: चाहे जो भी हो, बाहरी रिश्ते मै असंतुलन के लिए क्रिएटर्स द्वारा तंग किए जाने के बावजूद, पारस शुरू से ही अपने शब्दों पर कायम रहे और यह साबित किया की, वो अपने शब्दों पर रहते है। वह स्पष्ट और दृढ़ रहे है कि वह खुल कर किसीका भी समर्थन और विरोध करते है और अभी भी उदाहरण के लिए उन्होंने रिश्तों को बनाए रख रहा है, पहले दिन से उन्होंने केवल आसिम का विरोध किया है और आज तक कर रहे है।
2) दोस्त का दोस्त, दुश्मन का दुश्मन: वह एक ऐसा कंधा है, जिस पर घर के अधिकांश प्रतियोगी रोते या भरोसा करते हैं। लोगों को जब भी जरुरत पड़ी हो चाहे वो अकेला पन दूर करने की बात हो या सलाह देने की बात उन्होंने सभी को सपोर्ट किया है। सुबह के समय सभी के लिए अपने रिश्तों की परवाह किए बिना चाय पिलाई, क्या सही है और क्या नहीं के लिए एक स्टैंड लिया, उन्होंने शो अपनी गरिमा बनाए रखी है और बहुत ज्याद उकसाने पर ही असभ्य तरीके से बात की है।
3) सम्मान लेने के लिए सम्मान दें: वह हर किसी का और उसकी हर चीज का सम्मान करते है।
वह एक स्वाभिमानी आदमी है जिसने शो मे कभी भी आंसू नहीं बहाए हैं चाहे कोई भी परिस्थिति क्यों न आयी हो , वह हमेशा मुस्कुराते रहे है और यह एक विजेता गुणवत्ता है।
4) जैसे हो वैसे रहना : वह अपने दिल की बात कहते है और घर में ऐसा कम ही होता है क्योंकि आपको हमेशा पता होता है कि आपको बाहरी दुनिया मे आंका जाएगा लेकिन फिर भी उन्होंने वही किया। उस बात के लिए आकांक्षा, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि “आग के बिना कभी धुआं नहीं उठता।” यह सहानुभूति हासिल करने और लोगों को यह विश्वास दिलाने के लिए रहा होगा कि वह अपराधी है , लेकिन वह यह समझने में असफल रही कि अगर कोई रिश्ता काम नहीं कर रहा है, तो उसमे दोनों की गलती हो सकती है। इसलिए, कभी भी किसी पुस्तक को उसके आवरण से मत आंकिए।
5) यारा तेरी यारी: वह हमेशा अपने हर एक दोस्त के साथ खड़े रहे , चाहे वह माहिरा, शहनाज़, सिद्धार्थ, आरती या रश्मि। उन्होंने हमेशा अपने साथियों को प्रेरित किया है। वह मजबूत और सख्त दिख सकते है, लेकिन गहराई से वह एक बच्चे है जो लोगों को खुश करना अच्छा लगता है ।