पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ राष्ट्रीय अभियान के तहत रविवार को अपनी तीसरी बड़ी सामूहिक रैली क्वेटा में आयोजित की। विपक्ष ने सुरक्षा खतरों के बावजूद अशांत दक्षिण पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा में यह रैली की। इस दौरान इमरान खान सरकार, सेना प्रमुख बाजवा और आईएसआई उनके निशाने पर रहे।
पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) गठबंधन के तहत 11 विपक्षी दलों ने इससे पहले इस महीने गुजरांवाला और कराची में दो बार बड़े स्तर पर सरकार के विरोध में रैलियां कर अपनी ताकत दिखाई है। हालांकि, रैली से पहले राष्ट्रीय आतंकवाद-निरोधक प्राधिकरण ने सुरक्षा अलर्ट जारी किया था और चेतावनी दी कि आतंकी क्वेटा और पेशावर में विपक्षी रैलियों को निशाना बना सकते हैं।
क्वेटा के अयूब स्टेडियम में जनसभा शुरू हुई तो रैली स्थल से 35-40 मिनट के सफर की दूरी पर स्थित हाजरगांजी में एक विस्फोट हुआ, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और सात अन्य घायल हो गए। पुलिस के अनुसार एक मोटरसाइकिल में एक आईईडी लगाया गया था। विपक्षी नेताओं ने इस विस्फोट से प्रभावित हुए बिना रैली जारी रखी। रैली में पीडीएम अध्यक्ष मौलाना फजलुर्रहमान और गठबंधन के अन्य शीर्ष नेताओं ने भाग लिया।
यह बलूचिस्तान के नसीब को बदलने का वक्त: मरियम-
शरीफ की बेटी और पार्टी उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने अपने भाषण में कहा कि पाकिस्तान और बलूचिस्तान के नसीब को बदलने का वक्त आ गया है। पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने वीडियो लिंक के माध्यम से रैली को संबोधित करते हुए कहा, ऐसा कैसा लोकतंत्र है जहां न मीडिया स्वतंत्र है और न न्यायपालिका।
मौजूदा हालात के लिए सेना और आईएसआई जिम्मेदार-
पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने लंदन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रैली को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के मौजूदा हालात के लिए एक बार फिर सेना प्रमुख बाजवा और आईएसआई प्रमुख हमीद को जिम्मेदार ठहराया। शरीफ ने कहा, आपको 2018 के चुनावों में हुई रिकॉर्ड धांधली पर, संसद में हुई खरीद-फरोख्त पर जवाब देना होगा।
डावर को हवाईअड्डे पर हिरासत में लिया गया-
इस बीच सरकार के मुखर आलोचक मोहसिन डावर को शनिवार को क्वेटा हवाईअड्डे पर सुरक्षा अधिकारियों ने उस समय हिरासत में ले लिया जब वह रैली के लिए वहां पहुंचे थे। गृह मंत्री जियाउल्ला लांगोवे ने कहा कि डावर के प्रांत में प्रवेश पर रोक है। राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक प्राधिकरण की विपक्षी नेताओं को आतंकवादियों से खतरे की चेतावनी के बावजूद रैली आयोजित की गई।