नागपुर पुलिस ने कथित तौर पर अपने बच्चे को बेचने वाले ठाणे के दंपती को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने चार अन्य लोगों को भी पकड़ा है। बच्चे को देखभाल की खातिर एक अनाथालय भेजा गया है। बताया जा रहा है कि निसंतान दंपत्ती ने 1.10 लाख रुपये में बच्चे को खरीदा था। दंपती बच्चे को गोद लेना चाहता था। मगर उसने कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया।
महाराष्ट्र की नागपुर पुलिस ने बच्चे बेचने के आरोप में माता-पिता समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है। मानव तस्करी निरोधक दस्ते ने यह कार्रवाई की है। पुलिस के मुताबिक बच्चे का सौदा 1.10 लाख रुपये में किया गया था। उन्होंने एक नि:संतान दंपति को बच्चा बेचा था। दुधमुंहा बच्चा सिर्फ पांच दिन का है। पुलिस ने उसे अनाथालय में रखा है। गिरफ्तार लोगों में बच्चा बेचने, खरीदने और मध्यस्थता करने वाले दो लोग शामिल हैं।
कानूनी प्रक्रिया का नहीं किया पालन
जानकारी के मुताबिक बच्चा खरीदने वाला दंपति नि:संतान था। वह बच्चे को गोद लेना चाहते थे। हालांकि उन्होंने कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया। दो मध्यस्थों की मदद से बच्चे के माता-पिता ने कथित तौर पर 1.10 लाख रुपये में बच्चे को बेच दिया। प्राथमिक जांच में पता चला है कि वित्तीय परेशान के चलते माता-पिता ने यह कदम उठाया है।
इनकी हुई गिरफ्तारी
पुलिस के मुताबिक सुनील उर्फ भोंदू दयाराम गेंड्रे (31) और उसकी पत्नी श्वेता (27) को गिरफ्तार किया गया। निःसंतान दंपति की पहचान पूर्णिमा शेलके (32) और स्नेहदीप धरमदास शेलके (45) के रूप में हुई है। ये दोनों ठाणे जिले के बदलापुर के रहने वाले हैं।
मध्यस्थ भी गिरफ्तार
पुलिस ने किरण इंगले (41) और उसके पति प्रमोद इंगले (45) को भी गिरफ्तार किया गया। ये दोनों नागपुर के रहने वाले हैं। दोनों ने सौदेबाजी में मध्यस्थता की थी। पुलिस के मुताबिक सुनील और श्वेता गेंद्रे ने 22 अगस्त को किरण और प्रमोद इंगले के माध्यम से अपने नवजात बेटे को शेलके दंपत्ती को बेच था।
इन धाराओं में केस दर्ज
शेलके दंपती किरण इंगले के रिश्तेदार हैं। नागपुर के कलमना थाने में किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम की धारा 75 और 81 के तहत मामला दर्ज किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि शिशु को अस्थायी रूप से स्थानीय अनाथालय की देखभाल में रखा गया है।