अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा ने कहा है कि नोटबंदी का भारत और अमेरिका के संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के इस कदम का उद्देश्य और भारतीय जनता की परेशानियों को समझते हैं।
अमेरिकी राजदूत ने कहा, ‘नोटबंदी का भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ा है। हम समझते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए क्या करने की कोशिश कर रहे थे।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हमें अहसास है कि इसके कारण लोगों को मुश्किलें आई हैं। हमारे दूतावासों में स्थानीय कर्मी हैं और हम उनकी मदद की कोशिश करे रहे हैं।’
सीमा पर आतंकवाद की निंदा
रिचर्ड वर्मा नें सीमा पार आतंकवाद की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि अमेरिका सीमा पार आतंकवाद की कड़ी निंदा करता है। इस खत्म करने और दोषियों की जिम्मेदारी तय करने की जरूरत है।
गौरतलब है कि भारत में आठ नवंबर आधी रात के बाद से लागू नोटबंदी के फैसले का विपक्षी दल पुरजोर विरोध कर रहे हैं। कुछ दलों ने फैसला वापस लेने की तक की मांग कर डाली है। वहीं, सरकार का कहना है कि यह फैसला काले धन और नकली करेंसी के खिलाफ लिया गया है और लोगों की सुविधा के लिए व्यवस्थाएं की जा रही हैं।