नोटबंदी की मार झेल रहे किसानों को केंद्र सरकार ने ऋण अदायगी की सीमा में 60 दिन का ग्रेस देकर राहत का मरहम लगाया है। भारत सरकार के कृषि मंत्रालय ने फैसले की जानकारी देते हुए कहा है कि ऋण भुगतान के लिए किसानों को कुछ समय की दरकार महसूस हो रही थी। उनके कठिनाईयों को देखते हुए सरकार ने बकाया ऋण भुगतान की समय सीमा को बढ़ाने का निर्णय लिया है।
सरकार ने किसानों को बकाया ऋण का भुगतान करने के लिए 60 दिन का ग्रेस देने का निर्णय लिया है। सरकार ने कहा है कि 21 नवंबर के आरबीआई के परिपत्र के आधार पर ऐसे किसानों को 60 दिन की ग्रेस अवधि देने का निर्णय लिया है जिनका फसल ऋण 1 नवंबर से 31 दिसंबर के बीच देय है। यदि ऐसे किसान भुगतान की तारीख से 60 दिनों के भीतर अपना बकाया ऋण चुका देते हैं, तो वे वर्ष 2016-17 में शीघ्र ऋण अदायगी प्रोत्साहन हेतु जारी योजना के भी पात्र होंगे।
दरअसल इस योजना के तहत किसानों के 7 प्रतिशत प्रतिवर्ष की ब्याज दर के बजाय एक वर्ष की अधिकतम अवधि के लिए 3 प्रतिशत पर ऋण मिलता है। इसके अलावा शीघ्र ऋण भुगतान करने वाले किसानों को 4 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लघु आवधिक ऋण की भी व्यवस्था है।
दरअसल इस योजना के तहत किसानों के 7 प्रतिशत प्रतिवर्ष की ब्याज दर के बजाय एक वर्ष की अधिकतम अवधि के लिए 3 प्रतिशत पर ऋण मिलता है। इसके अलावा शीघ्र ऋण भुगतान करने वाले किसानों को 4 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लघु आवधिक ऋण की भी व्यवस्था है।