नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पूरी तरह डिजिटल और पेपरलेस होगा। यात्रियों को चेक-इन से लेकर सुरक्षा जांच और बोर्डिंग तक सबकुछ संपर्क रहित व बिना कागजी कार्रवाई के मिलने जा रहा है। इसके लिए एयरपोर्ट प्रबंधन डिजी यात्रा सिस्टम लागू कर रहा है। इस सिस्टम से चेहरे की पहचान और बायोमैट्रिक डेटा के जरिए यात्रियों को सुविधा प्रदान की जाएगी।
इस परियोजना के लिए विप्रो और आईकैड होल्डिंग कंपनी सिस्टम इंटीग्रेटर के रूप में काम कर रही हैं। एयरपोर्ट में फेस स्कैनिंग, ऑटोमेटेड बैग-ड्रॉप और रियल-टाइम डेटा ट्रैकिंग जैसी उन्नत तकनीकें इस्तेमाल होंगी। इस डिजिटल क्रांति के साथ यात्रियों का अनुभव और भी तेज, सुरक्षित और सुगम होगा।
नोएडा एयरपोर्ट केवल यात्रा को आसान बनाने तक सीमित नहीं रहेगा, इसका लक्ष्य कार्गो संचालन से लेकर एयरपोर्ट प्रबंधन तक सब कुछ स्मार्ट बनाने का है। इसके शुरू होने के बाद भारत दुनिया के उन गिने चुने देशों में शामिल होगा, जिनके पास डिजिटल एयरपोर्ट की सुविधा है।
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