नई दिल्ली। भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ प्रमुख सामंत कुमार गोयल से मुलाकात के बाद नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का रुख नरम पड़ गया है। ओली ने नेपाल की एक पुरानी तस्वीर साझा की है, जिसमें स्वयं विजयादशमी की शुभकामनाएं देते हुए एक तस्वीर है। जिसमें कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा शामिल नहीं है।
विपक्ष की आलोचना के बाद, ओली के कार्यालय ने स्पष्ट किया कि नक्शा छोटा है, इसलिए ये हिस्से दिखाई नहीं दे रहे हैं। खबरों के मुताबिक, ओली के रवैये में बदलाव बुधवार को काठमांडू में प्रधानमंत्री के निवास पर रोना प्रमुख सामंत कुमार गोयल के साथ बैठक के बाद आया। भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने भी अगले महीने नेपाल के लिए रवाना हो रहे हैं।
हालांकि, सोशल मीडिया पर विजयदशमी के पुराने नक्शे को प्रदर्शित करने पर विवाद के बाद ओली के कार्यालय ने स्पष्ट किया कि नक्शा बहुत छोटा था। पुराने नक्शे को साझा करने पर विपक्षी नेपाली कांग्रेस के नेता, गगन थापा ने कहा कि ओली व्यक्तिगत रूप से कोई भी नक्शा डाल सकते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री के रूप में उन्हें संसद द्वारा पारित नए नक्शे का उपयोग करना चाहिए। ओली का यह कदम देश हित में नहीं है।
नेपाली सरकार ने स्पष्ट किया कि विजयादशमी में साझा किया गया नक्शा तकनीकी कारणों से त्रुटिपूर्ण था और प्रबंधन इसे गंभीरता से ले रहा है। ओली के विदेश मामलों के सलाहकार राजन भट्टराई ने कहा कि नेपाल ने कालापानी क्षेत्र में अपना दावा कम नहीं किया है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal