सुशील मोदी ने कहा कि विधानसभा चुनाव में वोट नहीं मिलने का गुस्सा नीतीश कुमार दलित और आदिवासियों की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति बंद कर उतार रहे हैं।
पहले तो सरकार ने वर्ष 2015-16 और उसके पहले के वर्षों में नामांकन करा चुके दलित छात्रों की छात्रवृत्ति को डेढ़ लाख से घटाकर अधिकतम 15 हजार रुपए कर दिया। फिर वर्ष 2016-17 से दलित और आदिवासियों की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति ही बंद कर दी गई। शराबबंदी के बाद राजस्व में आई भारी कमी की सर्वाधिक मार दलित छात्रों पर पड़ी है।
मोदी ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष से दलित छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति को बंद कराने के बाद सरकार इंटर पास छात्रों को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड से चार लाख रुपए तक कर्ज दिलाने की बात कर रही है। इससे 11वीं और 12वीं की पढ़ाई कर रहे दलित छात्रों के सामने शिक्षा पूरी करने का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे छात्र फिलहाल तो इंटर पास हैं कि कर्ज ले सकें और उन्हें पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति ही मिलेगी।
सरकार बताए कि क्या स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के जरिए दिया जाने वाला कर्ज और छात्रवृत्ति एक ही है? क्या दलितों की छात्रवृत्ति को बंदकर सरकार उनके साथ अन्याय नहीं कर रही है?